अकबर केस: अकबरुद्दीन ओवैसी से जिरह पूरी, कई सवाल पूछे गए, फायरिंग से इनकार

हैदराबाद 23 सितम्बर: चंद्रायंगुट्टा हमला केस की समाअत एक अहम मरहले में पहूंच चुकी है और फिर एक मर्तबा रुकने असेंबली अकबर ओवैसी हाज़िर अदालत हुए जहां पर वकील दिफ़ा एडवोकेट राज वर्धन रेड्डी ने उन पर जरह किया। उन्होंने अदालत को बताया कि इबराहीम बिन यूनुस याफ़ई की मौत और अबदुल्लाह बिन यूनुस याफ़ई और ऊद बिन यूनुस याफ़ई ज़ख़मी होने के वाक़िये से मुताल्लिक़ कोई पूछताछ नहीं की।

पुलिस ने सिर्फ उन पर किए गए हमले केस की तहक़ीक़ात के लिए उनसे पूछताछ की थी। अदालत पहूंचने के बाद उन्हें वुकला की तरफ से दस्तावेज़ बताए जाने पर उनके ख़िलाफ़ भी एक मुक़द्दमा दर्ज होने का इलम हुआ है। अकबर ओवैसी ने इस बात को ग़लत क़रार दिया कि वो पुलिस पर असरअंदाज़ हो कर इबराहीम याफ़ई की मौत और अबदुल्लाह बिन यूनुस याफ़ई और ऊद बिन यूनुस याफ़ई ज़ख़मी होने का एक मुक़द्दमा क्राईम नंबर 313/2012 चंद्रायंगुट्टा पुलिस स्टेशन को बंद करवा दिया।

उन्होंने इस बात से भी इनकार कर दिया कि उनके हमला केस के मुल्ज़िमीन को माख़ूज़ करने के लिए हुकूमत पर-असर अंदाज़ नहीं हुए और ना ही उन्होंने स्पेशल पब्लिक प्रासीक्यूटर के तक़र्रुर के लिए हुकूमत पर दबाव‌ डाला। साल 2009 से सियासी रक़ाबत के नतीजे में उनके और मुल्ज़िमीन के ताल्लुक़ात ख़राब हो गए।

अकबर ओवैसी ने कहा कि ये बात भी ग़लत है कि मुहम्मद पहलवान और दुसरें की तरफ से उनकी सियासी मुख़ालिफ़त करने पर उन्होंने मुल्ज़िमीन के ख़िलाफ़ साज़िश करते हुए हमला किया। उन्होंने कहा कि ये हक़ीक़त है कि उन्होंने पुलिस के रूबरू ये बयान दिया कि मुहम्मद पहलवान को एमआईएम के कुछ सियासी मुख़ालिफ़ीन दो उर्दू अख़बारात मुंसिफ़ और सियासत के एडिटर उन की ताईद हासिल है।