अकबर केस: यशोधा हॉस्पिटल में दो युवकों को भर्ती कराया गया था

हैदराबाद 21 दिसंबर: चंद्रायंगुट्टा हमला मामले की समाअत के दौरान एक और डॉक्टर नामपल्ली सुशन अदालत में अपना बयान कलमबंद करवाया। डॉक्टर सत्यनारायण रेडडी जो यशोधा हॉस्पिटल मलकपेट रेजिडेंट मेडिकल ऑफीसर (आर एम ओ) थे ने वर्ष 2011 में अब्दुल्ला बिन यूनुस याफिी और ऊद बन यूनुस याफिी को अस्पताल में भर्ती होने और उनके इलाज से संबंधित सभी विवरण समझाया।

गवाह ने अदालत को बताया कि 30 अप्रैल 2011 को दो युवा सुबह 10 बजे दवाख़ाना लाए गए थे और उनके शरीर पर गोलियों के गहरे घाव होने के कारण शरीक कर लिया गया था। डॉक्टर ने बताया कि अब्दुल्ला बिन यूनुस याफिी के सीने पर गोली का घाव था जबकि ऊद बन यूनुस याफिी के पेट में गोली के निशान पाए गए।

वकील दिफ़ा की ओर से जिरह के दौरान आर एम ओ ने बताया कि हमले के दिन डॉ महेंद्र रेड्डी ने घायलों का इलाज किया था और उन्होंने चंद्रायंगुट्टा पुलिस को याफिी ब्रदर्स के दवाखाने में शरीक होने की इत्तेला दी थी। उन्होंने बताया कि चंद्रायंगुट्टा पुलिस ने अस्पताल पहुंच कर अब्दुल्ला बिन यूनुस याफिी और ऊद बन यूनुस याफिी का बयान कलमबंद किए थे।

वकील दिफ़ा की ओर से सवाल किए जाने पर डॉ सत्यनारायण रेड्डी ने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि असिस्टेंट कमिशनर आफ़ पुलिस सीसीएस या इंस्पेक्टर ने युवाओं के इलाज के दौरान दवाख़ाना पहुंच कर वहां का निरीक्षण किया। अस्पताल में किए गए इलाज और घाव से संबंधित प्रमाणपत्र दवाख़ाना की ओर से जारी किया गया था। उन्होंने स्वीकार किया कि दवाख़ाने के प्रमाण पत्र पर डॉक्टर के हस्ताक्षर नहीं है। सातवें ऐडीशनल मेट्रो पोलीटीन सेशन जज ने केस की समाअत कल तक के लिए स्थगित कर दिया।