अकरीसाट में दालों की पैदावार पर कान्फ़्रैंस

दालों की पैदावार में कमी को दूर करने के इक़दामात ज़रूरी हैं। दालों को फ़ूड सकयोरटी फ़राहम की जाय तो इस से कई फ़वाइद हासिल होंगे।
बच्चों में तग़ज़िया(पलना ) की कमी को दूर करने केलिए दालों का इस्तिमाल अहम है। इस में प्रोटीन की मिक़दार ज़्यादा होती है। अकरीसाट मैं मुनाक़िदा 6 वीं इंटरनैशनल कान्फ़्रैंस के मौक़ा पर दालों के मौज़ू पर इज़हार ख़्याल किया गया।

डाक्टर तपन दत्ता डिप्टी डायरैक्टर जनरल आई कार ने कहा के हिंदूस्तान दालों की पैदावार में पीछे है बलके कोई भी मुल्क इस क़ाबिल नहीं है के वो इंसानी ज़िंदगी की ज़रूरीयात को पूरा करने के लिए दालों की पैदावार को बढ़ा सके। किसी भी मुल्क में मतलूब मिक़दार में दालें दस्तयाब नहीं हैं। 2020 तक इस मुल्क को 25 से 30 मैट्रिक टन तक दालों की ज़रूरत होगी।

इस निशाना को हासिल करने के लिए ऊँचे पैमाना पर पैदावारी इक़दामात किए जाने चाहीए।

डाक्टर विलियम डार अकरीसाट डी जी ने भी इस मौक़ा पर ख़िताब किया