अक़लियती तबक़ा के किसी रुकन ने मुल्क दुश्मन नारा नहीं लगाया:अरूण जेटली

नई दिल्ली 21 मार्च: वज़ीर फाइनैंस अरूण जेटली ने जवाहर लाल नेहरू यूनीवर्सिटी तनाजे पर वाज़िह किया कि अगरचे तनाजे के पहले दिन चंद लोग जेएनयू पहूंचे और दुसरे चंद क़ौम दुश्मन नारे लगाए लेकिन मजमूई तौर पर मुल्क दुश्मन नारों की बेहस में आम तौर पर बाएं बाज़ू के इंतेहाई सख़्त-गीर अनासिर सबसे आगे थे। अरूण जेटली ने जो यहां बीजेपी क़ौमी आमिला के मीटिंग के दूसरे दिन ख़िताब कर रहे थे कहा कि मजमूई तौर पर इस (मुल्क दुश्मन नारे बाज़ी) में अक़लियती तबक़ा के लोग शामिल नहीं थे। उन (अक़लियतों) में से अक्सर ने कोई तबसरा नहीं किया और बेहस में हिस्सा नहीं लिया था।

जेटली ने कहा कि क़ौम परस्ती का नज़रिया बीजेपी के लिए एक अहम ताक़त की हैसियत रखता है। हक़ आज़ादी इज़हारे ख़याल , क़ौम परस्ती के नज़रिये के साथ बाक़ी-ओ-बरक़रार रह सकता है। हमारे दस्तूर ने जहां नाराज़गी और ख़्याल ज़ाहिर करने की आज़ादी दी है वहीं वो क़ौम-ओ‍-मुल्क को तबाह करने की इजाज़त भी नहीं देता। जम्मू-ओ-कश्मीर में तशकील हुकूमत के मसले पर जेटली ने कहा कि बीजेपी एसी रियासत में हुक्मरानी के एजंडे की पूरी तरह पाबंद अह्द है।लेकिन बीजेपी की क़रारदाद में जम्मू-ओ-कश्मीर खास्कर क़ौमी सलामती के ज़िमन में हवाला दिया गया है। जेटली ने मुल्क दुश्मन नारा बाज़ी के लिए सख़्त-गीर इंतहापसंद बाएं बाज़ू के अनासिर पर इल्ज़ाम आइद करते हुए अक़लियती तबक़ा के अरकान को इन इल्ज़ामात से बरी करते हुए इस मसले पर बीजेपी को होने वाली पशेमानी से नजात दिलाने की कोशिश की।