महमूद अली शब्बीर रुकन क़ानूनसाज़ कौंसिल रियासत तेलंगाना ने तेलंगाना हुकूमत की तरफ से पेश करदा सालाना बजट को अवामी उमीदों के मुग़ाइर और बे सिम्त बजट से ताबीर किया और कहा कि हुकूमत ने अक़लियती बहबूद के लिए मुख़तस करदा बजट की जुमला रक़ूमात के मिनजुमला अब तक सिर्फ़ 112 करोड़ रुपये ही जारी की है जबकि मुख़्तलिफ़ तबक़ात (दर्ज फ़हरिस्त अक़्वाम-ओ-क़बाईल-ओ-पसमांदा तबक़ात) के लिए मुख़तस करदा बजट रक़ूमात को नाकाफ़ी क़रार देते हुए बहबूद बजट रक़ूमात में इज़ाफ़ा करने का हुकूमत से मुतालिबा किया।
तेलंगाना क़ानूनसाज़ कौंसिल में बजट पर जारी मुबाहिस में हिस्सा लेते हुए मुहम्मद अली शब्बीर ने तेलंगाना हुकूमत को अपनी सख़्त तन्क़ीद का निशाना बनाया जिस पर तेलंगाना राष़्ट्रा समीती के अरकान कौंसिल ही नहीं बल्कि कौंसिल में मौजूद वुज़रा जोगू रामना वर पी महेंद्र रेड्डी ने अपने शदीद रद्द-ए-अमल का इज़हार किया जिस पर मुहम्मद अली शब्बीर ने कहा कि आप को मेरे इज़हार-ए-ख़्याल पर कुछ एतेराज़ हो तो बादअज़ां उसकी वज़ाहत करें तो बेहतर होगा।
उन्होंने बर्क़ी क़िल्लत, किसानों के ख़ुदकुशी वाक़ियात, शोबा तालीम-ओ-दुसरे अहम उमूर् का अपने इज़हार-ए-ख़्याल में अहाता किया और बार बार बरसर-ए-इक्तदार टी आर एस अरकान की मुहम्मद अली शब्बीर के साथ नोक झोंक जारी रही।
एक मौके पर रुकन कौंसिल ने चीफ़ मिनिस्टर के चंद्रशेखर राव को झूट बात करने वाले चीफ़ मिनिस्टर क़रार दिया जिस पर टी आर ऐस अरकान ने एहतेजाज किया और इस तरह के रिमार्कस करने से गुरेज़ करने की ख़ाहिश की।
उन्होंने हुकूमत के इस रवैये का तज़किरा करते हुए कहा कि अक़लियती तलबा-ए-को 340 करोड़ रुपये तालीमी फ़ीस रेिंबर्समेंट रक़म वाजिब उलअदा है लेकिन हुकूमत इन रक़ूमात की इजराई पर कोई तवज्जा नहीं दे रही है।