हैदराबाद 15 मार्च: मुस्लमान अपने मसाइल को सियासी उलझनों का शिकार बनाने के बजाये उन्हें रास्त तौर पर हल करवाने की कोशिश करें चूँकि सियासतदां मसाइल का हल करने की बजाये उनसे फ़ायदा हासिल करने की कोशिश करते हैं।
चांसलर मौलाना आज़ाद उर्दू नेशनल उर्दू यूनीवर्सिटी ज़फ़र सुरेश वाला ने ये बात कही। उन्होंने बताया कि मर्कज़ी हुकूमत की तरफ से अक़लियती तलबा को फ़राहम की जाने वाली स्कालरशिपस के मुताल्लिक़ बताया कि मर्कज़ी वज़ारत अक़लियती उमोर ने इस बात की यकीन दीया है कि मुद्दत गुज़र भी गई तो ज़रूर तालीमी वज़ाइफ़ की इजराई अमल में लाई जाएगी।
उन्होंने बताया कि ज़ाहिद अली ख़ान एडीटर रोज़नामा सियासत की तवज्जा दहानी पर उन्होंने मर्कज़ी हुकूमत के ज़िम्मेदार लोगें से बातचीत की है और लोगें की तरफ से इस बात की यक़ीन दहानी करवाई गई है कि ज़रूर अक़लियती तलबा को तालीमी वज़ाइफ़ जारी किए जाऐंगे।
ज़फ़र सुरेश वाला ने बताया कि मर्कज़ी वज़ीर-ए-क़लीयाती उमोर नजमा हेपतुल्ला ने इस बात की वज़ाहत की है कि जब हुकूमत बजट में इज़ाफ़ा कर रही है तो इजराई में कोई मसला नहीं होना चाहीए।
उन्होंने बताया कि मर्कज़ी हुकूमत की तरफ से होने वाली ताख़ीर दूर करने के लिए हिक्मत-ए-अमली तैयार की जाएगी और जो रुकावटें हैं उन्हें दूर किया जाएगा।