अक़लियतों की फ़लाह-ओ-बहबूद के लिए इक़दामात में पेशरफ़्त

राष्ट्रीय सोइम सेवक सिंह (आर एस एस) मुल्क में अपने एजंडे को नाफ़िज़ करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के क़दआवर लीडरों लाल कृष्ण अडवानी, सुषमा स्वराज,गडकरी वग़ैरा को दबाकर नरेंद्र मोदी को सामने लारही है। आर एस एस का असल मक़सद मुल्क में हिंदू राज क़ायम करना है।

इस मक़सद, को पाने और अपने नज़रियात पर अमल करने के लिए आर एस एस को इक़तिदार की ज़रूरत है, इस लिए वो मोदी को एक मोहरा के तौर पर इस्तेमाल कर रही हैं। इन ख़्यालात का इज़हार मर्कज़ी वज़ीर बराए अक़लियती उमूर के रहमान ख़ान ने किया।

उन्होंने कहा कि आर एस एस ने ये भी साबित कर दिया है कि वो किसी भी लीडर को कुचल कर अपनी पसंद की किसी भी शख़्सियत को लीडर के तौर पर उभार सकता है और अपने मक़सद को पाने के लिए अब मुसलमानों को लुभाने की कोशिश कर रहा है, जबकि एक मुमताज़ सहाफ़ी एन राम ने साफ़ तौर पर कहा है कि आर एस एस कभी मुसलमानों को क़रीब नहीं करसकेगा। रहमान ख़ान ने बताया कि मीडीया की तरफ़ से मोदी को एक अच्छा ऐडमिनिस्ट्रेटर और तरक़्क़ी की तरफ़ ले जाने वाले मसीहा क़रार दिया जा रहा है, जबकि गुजरात में मोदी की तरफ़ से हुई तरक़्क़ी बनावटी है। गुजरात की तरक़्क़ी मोदी की वजह से नहीं है।