अक़लियतों के लिए सब्सीडी क़र्ज़ इस्कीम में बे क़ाईदगीयाँ

बेरोज़गार अक़लियतों को ख़ुद रोज़गार इस्कीमात से मरबूत करवाते हुए उन की मआशी बहबूद के लिए अक़लियती मालीयाती कारपोरेशन की तरफ से रोशनास करदा सब्सीडी लोन इस्कीम की अमल आवरी में होरही ताख़ीर और बे क़ाईदगियों के सबब दरख़ास्त गुज़ार बेरोज़गारों को संगीन मसाइल से दो-चार होना पड़ रहा है।

इस इस्कीम के तहत हर दरख़ास्त गुज़ार को 50 फ़ीसद सब्सीडी महिकमा अक़लियती मालीयाती कारपोरेशन अदा करता है बाक़ीमांदा बैंक और इस्तेफ़ादा कनुंदा का हिस्सा होता है। इस ख़सूस में साबिक़ हुकूमत ने जी ओ एम एस नंबर 101जारी किया था, इस के तहत ज़िला नलगेंडा में पहले मरहले में 50 इस्तिफ़ादा कननदों को मुंतख़ब करके 22 लाख 55 हज़ार रुपये अक़लियती फाइनैंस कारपोरेशन की तरफ से सब्सीडी की इजराई अमल में आई।

दूसरे मरहले में 67 दरख़ास्तों की यकसूई करते हुए 31लाख 55 हज़ार रुपये सब्सीडी के मंसूबे जात रियासती अक़लियती मालीयाती कारपोरेशन को रवाना किए गए और तीसरे मरहले के तौर पर 32 इस्तेफ़ादा कननदों के लिए 15 लाख 67 हज़ार 500 रुपये की सब्सीडी मंज़ूरी के लिए रिपोर्ट रवाना की गई। ताहाल रियासती कारपोरेशन की तरफ से दूसरे और तीसरे मरहले के दरख़ास्त गुज़ारों को सब्सीडी रक़म की मंज़ूरी अमल में नहीं आई। लेकिन तरफ़ा तमाशा ये हैके दूसरे और तीसरे मरहले के दरख़ास्त गुज़ारों के मिनजुमला चंद एक दरख़सत गज़ारों को बाअज़ बैंकों की तरफ से एस एम एस रवाना किया जा रहा है कि आप लोन की सूद की रक़म अदा करें।