अक़लियतों को आला तालीम (उच्च शिक्षा ) से महरूम रखने की साज़िश

तेलगू देशम पार्टी के सीनीयर लीडर और साबिक़ रुकन राज्य सभा जनाब लाल जान बाशा ने फ़ीस रीइम्ब्रेस्मेंट के बारे में हुकूमत की नई पाँलिसी को तन्क़ीद (आलोचना) का निशाना बनाया और कहा कि इस पालिसी के ज़रीया हुकूमत अक़लियतों को आला तालीम (उच्च शिक्षा ) से महरूम रखने की साज़िश कर रही है।

जनाब लाल जान बाशा ने इंजीनीयरिंग कोर्स के लिए फ़ीस बाज़ अदायगी से मुताल्लिक़ नई पालिसी से अक़लियतों में पाई जाने वाली बेचैनी का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा ही अक़लियतों को वोट बैंक के तौर पर इस्तिमाल किया है और बाद में इन से धोका किया गया।

उन्हों ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को मुस्लमानों के वोट चाहीए लेकिन वो उन्हें तालीम और मआशी (आर्थिक) शोबा (क्षेत्र) में तरक़्क़ी याफ़ता देखना नहीं चाहती। उन्हों ने रियास्ती हुकूमत से सवाल किया कि जब एस सी, एस टी तबक़ात को मुकम्मल फ़ीस अदायगी की गुंजाइश है तो फिर मुस्लिम अक़ल्लीयत के तलबा (स्टुडेंट्स ) इस से क्यों महरूम रखे जा रहे हैं

हालाँकि मुस्लिम अक़ल्लीयत के तलबा (स्टुडेंट्स ) को मुकम्मल फ़ीस अदा करने पर सरकारी ख़ज़ाना पर सिर्फ 40 ता 50 करोड़ रुपय का ज़ाइद बोझ पड़ेगा। हुकूमत जब अक़लियतों के लिए 50 करोड़ ख़र्च करने तैय्यार नहीं तो इस से अक़लियतों के लिए अलहिदा सब प्लान की तवक़्क़ो (उम्मीद ) कैसे की जा सकती है।

उन्हों ने कहा कि कांग्रेस अक़लियतों को तहफ़्फुज़ात फ़राहम करने का जो दावा कर रही है ये तहफ़्फुज़ात दरअसल तेलगू देशम की देन हैं। 2004 इंतिख़ाबात से कब्ल चंद्रा बाबू नायडू ने अक़लियतों को 3 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात फ़राहमी का ऐलान किया था इस ऐलान के साथ ही वाई एस राज शेखर रेड्डी ने 5 फ़ीसद का ऐलान करके कांग्रेस के इंतिख़ाबी मंशूर में इस वाअदे को शामिल कर दिया।

अगर तेलगू देशम तहफ़्फुज़ात के लिए आवाज़ ना उठाती तो कांग्रेस पार्टी हरगिज़ तहफ़्फुज़ात फ़राहम ना करती। उन्हों ने सवाल किया कि मुल़्क की दूसरी रियास्तों में जहां कांग्रेस की हुकूमतें हैं मुस्लिम अक़लीयत को तहफ़्फुज़ात क्यों फ़राहम नहीं किए गए।

आसाम में 33 फ़ीसद मुस्लमान हैं और वज़ीर-ए-आज़म (प्रधान मंत्री ) मनमोहन सिंह तीसरी मर्तबा राज्य सभा के लिए आसाम से मुंतख़ब हुए लेकिन वहां मुस्लमानों को एक फ़ीसद भी तहफ़्फुज़ात फ़राहम नहीं किए गए।

जनाब लाल जान बाशा ने कहा कि तालीम के शोबा (क्षेत्र) में अक़लियतों को दूर करते हुए उन के मुस्तक़बिल को तारीक (अंधेरा) करने की कांग्रेस की इस पालिसी के ख़िलाफ़ हमें जद्द-ओ-जहद करनी होगी।

उन्हों ने कहा कि मुस्लमान कांग्रेस की दोहरी पालिसी को समझ चुके हैं और आइन्दा इंतिख़ाबात में वो कांग्रेस पार्टी को सबक़ सिखाएंगे।