सब का साथ सब का विकास सब झूट है:मौलाना अरशद मदनी

नई दिल्ली 13 मार्च:मुसलमानों की एक नुमाइंदा तंज़ीम ने वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी पर इल्ज़ाम लगाया कि वो ख़ामोश रहते हैं जब बरसर-ए-इक़तिदार पार्टी के एमपिज अक़लियतों के ख़िलाफ़ आग उगलते हैं और उनसे अक़लियतों के ताल्लुक़ से अपनी हुकूमत की पालिसी का एलान करने का मुतालिबा किया। जमीअत उलमा हिंद ने वज़ीर-ए-आज़म को यूनीवर्सिटीयों में आज़ादि इज़हार-ए-ख़याल को मुबय्यना तौर पर कुचलने के मसले पर भी तन्क़ीद का निशाना बनाया और एचसीयू रिसर्च स्कॉलर रोहित की ख़ुदकुशी पर मोदी के जज़बाती रद्द-ए-अमल की इत्तेलाआत को मगरमच्छ के आँसूओं से ताबीर किया।

मौलाना सय्यद अरशद मदनी ने ये इल्ज़ाम भी लगाया कि अक़लियतों मुसलमानों और ईसाईयों और दलितों पर एनडीए हुक्मरानी के दौरान हमले किए जा रहे हैं और सेक्युलर कुव्वतों से अपील की के फ़िर्कापरस्ती के ख़िलाफ़ लड़ाई में अमन-ओ-मुहब्बत के पयाम को फैलाने के लिए हाथ मिलाकर एक होजाएं।

मौलाना मदनी ने अपनी तंज़ीम के ज़ेरे एहतेमाम मुनाक़िदा क़ौमी यकजहती कांफ्रेंस से ख़िताब में कहा: क्यों ना आप अपनी पालिसी का एलान कर देते? ये किस किस्म की पालिसी है कि वो (बीजेपी एमपीज) आग उगल रहे हैं और वो (वज़ीर-ए-आज़म) ख़ामोश हैं? खुल कर सामने आएं और एलान करें कि ये हमारी पालिसी नहीं है। इन की ये बात सब का साथ सब का विकास सब झूट है।

क्या यही सब का साथ सब का विकास है? अगर आपके अफ़्क़ार दरुस्त होते तो हम आपके साथ होते। उन्होंने हुकूमत से अपील की के मुँह ज़ोरी पर लगाम कसें और ये वाज़िह कर दें कि जो कुछ बरसर-ए-इक़तिदार पार्टी के एमपीज कह रहे हैं, ख़ुद पार्टी का मौकुफ़ है या किसी और की तर्जुमानी है।

मौलाना मदनी ने ये दावा भी किया कि अगर दाएं बाज़ू की इस पार्टी (बीजेपी) को लोक सभा के साथ साथ राज्य सभा में भी अक्सरीयत हासिल हो जाएगी तो इस मुल्क में अक़लियतों को सलामती का एहसास नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि आज हालात निहायत खराब हैं। घर वापसी की जा रही है। अगर कोई भी हिन्दुस्तान को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहता है तो एसा होने नहीं देंगे, हम इस तरह की कोशिश को नाकाम बनाने के लिए अपने ख़ून का आख़िरी क़तरा तक बहा देंगे।