अक़लीयती इदारों की कारकर्दगी बेहतर बनाने और स्कीमात पर मोअस्सर अमल आवरी के लिए तेलंगाना हुकूमत ने अक़लीयती इदारों पर कड़ी नज़र रखने का फ़ैसला किया है। डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर जनाब मुहम्मद महमूद अली जिन्हें चीफ़ मिनिस्टर ने अक़लीयती उमूर की ज़ाइद ज़िम्मेदारी दी है, अक़लीयती इदारों में पाई जाने वाली बे क़ाईदगियों को दूर करने सख़्त इक़दामात का मंसूबा रखते हैं।
वो अक़लीयती इदारों का अचानक मुआइना करते हुए हर इदारा की कारकर्दगी का जायज़ा लेने और बरसरे मौक़ा अवामी मसाइल की समाअत और यक्सूई का इरादा रखते हैं। मुख़्तलिफ़ गोशों से हुकूमत को शिकायात मिली हैं कि हज हाउज़ जहां कई अक़लीयती इदारों के दफ़ातिर मौजूद हैं वहां पैरोकारों और दरमयानी अफ़राद का अमलन राज चल रहा है जिस के बाइस अवाम अपने मामूली मसाइल की यक्सूई के लिए भी रास्त तौर पर ओहदेदारों से रुजू होने से महरूम हैं।
किसी भी काम के सिलसिले में हज हाउज़ में मौजूद दरमयानी अफ़राद के ज़रीए ही ओहदेदारों तक रसाई मुम्किन होती है। इस सिलसिले में शिकायात का डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर ने सख़्ती से नोट लेते हुए हज हाउज़ का अचानक दौरा करने का फ़ैसला किया है जिस की इत्तिला ओहदेदारों और मीडिया को भी नहीं दी जाएगी।
डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर ने कहा कि अक़लीयती इदारों में सियासी क़ाइदीन का कोई रोल नहीं और अगर वो किसी मसअले पर नुमाइंदगी के लिए जाएं तो इस में कोई हर्ज नहीं लेकिन उन की जानिब से ओहदेदारों पर दबाव या रक़ूमात करते हुए मसाइल की यक्सूई की कोशिशें नाक़ाबिले बर्दाश्त हैं।