महकमा अक़लीयती बहबूद ने बाअज़ जारीया स्कीमात पर अमल आवरी के सिलसिले में इलेक्शन कमीशन से वज़ाहत तलब की है। हैदराबाद और नैलोर के ज़िला कलेक्टर्स ने अक़लीयती फ़ाइनेन्स कारपोरेशन की बैंकों से मरबूत सब्सीडी की फ़राहमी स्कीम पर अमल आवरी के बारे में एतराज़ किया और इंतिख़ाबी ज़ाबता अख़लाक़ के नफ़ाज़ के सबब दरख़ास्तों की यक्सूई से गुरेज़ किया है।
बताया जाता है कि महकमा अक़लीयती बहबूद ने तमाम जारीया स्कीमात पर अमल आवरी से मुताल्लिक़ इलेक्शन कमीशन से वज़ाहत तलब करने का फ़ैसला किया है ताकि ज़िला कलेक्टर्स को भी स्कीमात पर अमल आवरी के सिलसिले में कमीशन की इजाज़त से वाक़िफ़ कराया जा सके। अक़लीयती फ़ाइनेन्स कारपोरेशन ने ख़ुद रोज़गार स्कीम के तहत ग़रीब अक़लीयती उम्मीदवारों को एक लाख रुपये तक की सब्सीडी फ़राहम करने से मुताल्लिक़ स्कीम का आग़ाज़ किया है।
अगर्चे ये स्कीम जारीया मालीयाती साल के मंसूबा में शामिल है ताहम बाअज़ तरमीमात के साथ हुकूमत ने सब्सीडी की रक़म में इज़ाफ़ा किया है। इस स्कीम के सिलसिले में रियासत भर में अक़लीयती उम्मीदवारों से दरख़ास्तें तलब की गईं और ये दरख़ास्तें ज़िला कलेक्टर्स की मंज़ूरी के मुंतज़िर हैं।
लिहाज़ा इलेक्शन कमीशन से वज़ाहत हासिल करने के बाद तमाम ज़िला कलेक्टर्स को इस से वाक़िफ़ कराया जाएगा। प्रोफ़ेसर एस ए शकूर ने कहा कि कारपोरेशन इस बात की कोशिश कर रहा है कि इलेक्शन कमीशन से इजाज़त मिलने के बाद जारीया माह के इख़तेताम तक तमाम दरख़ास्तों की यक्सूई करदी जाए।
इस स्कीम के तहत पहले मरहला में 4 हज़ार से ज़ायद उम्मीदवारों को सब्सीडी जारी करदी गई जबकि दूसरे मरहला में 8 हज़ार से ज़ाएद उम्मीदवार स्कीम से इस्तिफ़ादा के अहल क़रार पाए हैं लिहाज़ा इसे नई स्कीम तस्लीम नहीं किया जा सकता।