अक़लीयतों की बहबूद के लिये कमिशनरयट के क़ियाम पर इज़हार-ए-तशक्कुर

अक़लीयती तबक़ा से ताल्लुक़ रखने वाली नुमाइंदा मज़हबी और सेमाजी शख़्सियतों के एक वफ़द ने आज सुबह चीफ़ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी से मुलाक़ात की और अक़लीयतों की भलाई के लिए अलहदा कमिशनरीयट के क़ियाम पर इज़हार-ए-तशक्कुर किया।

इस वफ़द में मुस्लिम, ईसाई और सिख तबक़ा की नुमाइंदा शख्सियतें शामिल थीं। चीफ़ मिनिस्टर ने वफ़द को बताया कि रियासत में अक़लीयती बहबूद की इसकीमात पर संजीदगी के साथ अमल किया जा रहा है और हुकूमत ने कभी भी इंतिख़ाबात को पेशे नज़र रख कर अमल आवरी नहीं की।

बैंगलौर में मुनाक़िदा हालिया जुनूबी रियास्तों की चीफ़ मिनिस्टर्स कान्फ़्रैंस में मर्कज़ी वज़ीर फैनान्स चिदम़्बरम ने चीफ़ मिनिस्टर की इस दरख़ास्त को क़बूल करलिया जिस में उन्हों ने रिज़र्व बैंक आफ़ इंडिया के क़वाइद के मुताबिक़ अक़लीयतों को 15 फ़ीसद क़र्ज़ की फ़राहमी की दरख़ास्त की गई थी।

फ़िलवक़्त 7.5 फ़ीसद क़र्ज़ जारी किया जा रहा है। इस सिलसिला में चिदम़्बरम ने स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी के सदर नशीन और दीगर बैंकर्स को हिदायात जारी की।

तारीख़ी चारमीनार के बारे में हाईकोर्ट के हालिया फ़ैसला का ज़िक्र करते हुए चीफ़ मिनिस्टर ने कहा कि हुकूमत इस मुआमला में ग़ैर जानिबदार है और इस ने अदालती अहकामात पर अमल किया है।

चारमीनार के वक़ार का तहफ़्फ़ुज़ करना हमारी ज़िम्मेदारी है। उन्हों ने उम्मीद ज़ाहिर की कि कमिशनरीयट के क़ियाम से अक़लीयती इसकीमात पर मूसिर अमल आवरी में मदद मिलेगी।

चीफ़ मिनिस्टर से मुलाक़ात करने वालों में आबिद अली कादरी, इसमइल, ख़्वाजा मुहम्मद फ़सीह उद्दीन रहमान, राजिंदर सिंह, भास्कर, आबिद रसूलख़ां, कर्स्टन लाज़रस ऐम एलए, ई इसमइल रिटायर्ड जज, फादर एन बाला स्वामी,

फादर भास्कर बीनी, सरदार नानक सिंह नशतर, अतीक़ सिद्दीक़ी, हादी रहील, मौलाना अली कादरी, प्रोफ़ैसर हाश्मी, मौलाना हैदर वली, मौलाना वहीद पाशा, मुज़फ़्फ़र उल्लाहख़ां, डाक्टर ए ए ख़ां, इनायत उलरहमान, क़ाज़ी मुहम्मद यूसुफ़ उद्दीन, मुहम्मद जावेद, मुहम्मद अमजद, मुहम्मद तुराब ( कोवा) और दीगर शामिल थे।