नई दिल्ली, 05 अप्रैल (पी टी आई) राहुल गांधी ने आज कहा है कि अक़लीयतों को अलग थलग रखने से मुल्क की तरक़्क़ी बुरी तरह मुतास्सिर होती है। इन के इस तब्सिरे को नरेंद्र मोदी पर तन्क़ीद के हवाले से देखा जा रहा है क्योंकि उन्हों ने कहा कि एक नए हिंदूस्तान की तशकील के लिए ऐसी सनअती शराकतदारी होनी चाहीए जिस में हम आहंगी और रवादारी भी शामिल रहे।
उन्होंने सनअती शोबा से पहली मर्तबा वसीअतर तबादला-ए-ख़्याल करते हुए इन ख़्यालात का इज़हार किया। 42 साला राहुल गांधी को कांग्रेस का आइन्दा वज़ारत-ए-उज़्मा उम्मीदवार तसव्वुर किया जा रहा है लेकिन उन्होंने इस बहस को ज़्यादा एहमीयत नहीं दी कि मुल्क की क़ियादत कौन करेगा।
उन्होंने कहा कि कोई भी इन्फ़िरादी शख़्स मुल्क के तमाम पेचीदा मसाइल को हल नहीं कर सकता। कांग्रेस के नायब सदर राहुल गांधी ने आज सी आई आई इजलास में सरकरदा सनअतकारों के हमराह तक़रीबन एक घंटा तवील मुज़ाकरात किए और उनके वीज़न पर तबादला-ए-ख़्याल भी किया।
उन्होंने ऐसी बुनियादी तब्दीलीयों की ज़रूरत पर ज़ोर दिया जिन से आम आदमी को बाइख़तियार बनाया जा सके और तमाम शोबों में बुनियादी इनफ़रास्ट्रक्चर की फ़राहमी यक़ीनी हो सके। राहुल गांधी ने तरक़्क़ी के अमल में हुकूमत के साथ शामिल होने की तिजारती बिरादरी को भी दावत दी और कहा कि हम सब को मिल कर एक बाइख़तियार और बेबाक नए हिंदूस्तान के लिए काम करना चाहीए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ही वाहिद ऐसी जमात है जो हर एक को अपने साथ लेकर चलती है। उन्होंने बताया कि मुल्क ने यू पी ए दौर-ए-हकूमत में तेज़ रफ़्तार मआशी तरक़्क़ी इसलिए की क्योंकि मुख़्तलिफ़ फ़िर्क़ों के माबैन कशीदगी में नुमायां कमी हुई है और हमआहंगी को बढ़ावा मिला है।
उन्होंने कहा कि जब आप मुख़्तलिफ़ फ़िर्क़ों को अलग थलग करने की सियासत पर अमल पैरा होते हैं तो आप दरहक़ीक़त अवाम की नक़ल-ओ-हरकत और उनके नज़रियात को जमूद का शिकार बना देते हैं। जब ऐसा होता है तो हर कोई इससे मुतास्सिर होता है। तिजारत भी मुतास्सिर होती है और हमआहंगी के बीज सूखने लगते हैं और अवाम के ख़ाब भी चकनाचूर हो जाते हैं।
उन्हों ने कहा कि इन नुक़्सानात की पा बजाई के लिए काफ़ी वक़्त दरकार होता है। राहुल गांधी ने कहा कि सब से बड़ा ख़तरा अवाम को अलग थलग करना है बिलख़सूस ग़रीब, अक़लीयतों और दलितों के साथ इस तरह का सुलूक ब्रहमी, ग़ुस्सा और नफ़रत को बढ़ावा देता है जिससे तरक़्क़ी में कोई मदद नहीं मिलती। अगर आप मुख़्तलिफ़ फ़िर्क़ों को अलग थलग करें तो इससे हर कोई मुतास्सिर होता है।
राहुल गांधी का तब्सिरा चीफ़ मिनिस्टर गुजरात नरेंद्र मोदी पर तन्क़ीद समझा जा रहा है क्योंकि उन पर अक़लीयतों के ताल्लुक़ से इमतियाज़ी रवैय्या इख़तियार करने का इल्ज़ाम है।