अक़लेती मालीयाती (अल्पसंख्यक/minority)कौरपोरेशन की क़र्ज़ स्कीम रहमत यह ज़हमत

शराइत को नरम करना और तरीखेकार को आसान बनाना ज़रूरी , बेरोज़गारों की मदद एवार्ड्स से अहम हुकूमत अक़ल्लीयतों की बहबूद के लिये बुलंद बाँग दावे करते हुए फ़ंडज़ जारी करती है ।

ऐलान किया जाता है कि बेरोज़गार अख्लेती(अल्पसंख्यक/minority)नौजवान रियासती अख्लेती मालीयाती(अल्पसंख्यक/minority) कौरपोरेशन के तवस्सुत से क़र्ज़ा जात हासिल करते हुए छोटी छोटी सनअतें क़ायम करसकते हैं । ख़ुद के लिये और दूसरों के लिये रोज़गार के वसाइल पैदा करसकते हैं ।

हाल ही में हुकूमत ने अकलेती(अल्पसंख्यक/minority) बेरोज़गार नौजवानों के लिये क़र्ज़ की जो बैंक स्कीम के तहेत 21 करोड़ रुपय जारी किए जब कि साल गुज़िशता इस स्कीम के तहत सिर्फ़ 8 करोड़ रुपय जारी किए थे । इस सिलसिले में आंध्रा प्रदेश अख्लेती मालीयाती(अल्पसंख्यक/minority) कौरपोरेशन ने भी रियासत के बेरोज़गार अकलेती(अल्पसंख्यक/minority) नौजवानों से दरख़्वास्तें तलब की हैं जो ऑनलाइन दाख़िल की जा सकती हैं । इस क़र्ज़ के ज़रीये बेरोज़गार नौजवान ना सिर्फ अपने मौजूदा छोटे कारोबार को मज़बूत बना सकते हैं बल्कि उसे तरक़्क़ी भी दे सकते हैं ।

क़र्ज़ हासिल करने के लिये आंध्रा प्रदेश इस्टेट अख्लेती मालीयाती(अल्पसंख्यक/minority) कौरपोरेशन के वेबसाइट से दरख़ास्त डाउनलोड की जा सकती हैं । दरख़ास्त गुज़ार के लिये लाज़िम है कि वो अख्लेती(अल्पसंख्यक/minority) तबक़ा से ताल्लुक़ रखता हो और इस की उम्र 18 ता 55 साल के बीच‌ हो और सालाना आमदनी 50 हज़ार से कम हो । ये भी कहा गया है कि दरख़ास्त गुज़ार तहसीलदार की जानिब से जारी करदा इनकम सटिफिकेट और अपनी कारोबार की तफ़सीलात के साथ ऑनलाइन दरख़ास्त दाख़िल करे ।

रियासती महिकमा अकलेती(अल्पसंख्यक/minority) बहबूद बड़े फ़ख़र से भी इस बात का ऐलान करता है कि ये क़र्ज़ इंतिहाई कम शरह सूद 3 फीसद शरह सूद के हिसाब से अक़ल्लीयतों(अल्पसंख्यक/minority) को फ़राहम किया जा रहा है ताकि वो मआशी तौर पर मुस्तहकम हो । क़र्ज़ की जुमला लागत की 50 फीसद सब्सीडी कौरपोरेशन की जानिब से अदा की जाएगी लेकिन दरख़ास्त गुज़ार को चाहीए कि मुताल्लिक़ा कारोबार की जुमला लागत की दस फीसद रक़म तय्यार रखे ।

रियासती महिकमा अकलेती(अल्पसंख्यक/minority) बहबूद ने बेरोज़गार नौजवानों को क़र्ज़ फ़राहम करने के लिये जो शराइत रखी हैं वो एक तरह से गरीब अक़ल्लीयतों(अल्पसंख्यक/minority) के साथ मज़ाक़ है , मैनिजिंग डायरैक्टर रियासती अकलेती मालीयाती(अल्पसंख्यक/minority) कौरपोरेशन सय्यद इल्यास रिज़वी बड़े ही फ़ख़्रिया अंदाज़ में एवार्ड्स हासिल कर जाते हैं । लेकिन जो क़र्ज़ हासिल करने वाले नौजवान होते हैं उन्हें हम अकलेती मालीयाती(अल्पसंख्यक/minority) कौरपोरेशन की जानिब से दिया जाने वाला क़र्ज़ हासिल करने के लिये रोना पड़ता है ।

पहले तो दरख़ास्तों के लिये दफ़्तर के चक्क्र काटते काटते बेरोज़गार नौजवान का अच्छा ख़ासा ख़र्च होजाता है । अब ऑनलाइन दरख़ास्त दाख़िल करने की बात की जा रही है । इस का जवाब सदर रियासती अख्लेती मालीयाती कौरपोरेशन ही दे सकते हैं कि एक एसा नौजवान जो बेरोज़गार है ख़ुद अपना कारोबार शुरू करने के लिये तड़प रहा है । इस के लिये तहसीलदार से इनकम सटिफिकेट लाने की जो शर्त रखी गई है क्या वो मंडल रेवन्यू ऑफ़िस के भी चक्क्र लगाता रहे अब अगर वो एम आर ओ ऑफ़िस के चक्क्र भी लगाले तो इस के लिये कई हफ़्ते गुज़र जाते हैं ।

फिर जुमला कारोबार की दस फीसद लागत तय्यार रखने की बात की गई है । वो तय्यार रखेगा लेकिन इस से कहा जाता है कि दस फीसद रक़म पेश करे अगर आप उसे क़र्ज़ दे रहे हैं तो फिर दस फीसद रक़म लेना कैसा है एक गरीब आदमी यह नौजवान ये रक़म कहां से लाएगा । अगर दस फीसद रक़म तय्यार भी रखता है तो बैंकस‌ इस के लिये मसाइल का शुरुआत‌ कर देते हैं कोई बैंक उस की मदद के लिये आगे नहीं आता ।

मुतअस्सिब ओहदेदार हुकूमत की हिदायत के बावजूद मुख़्तलिफ़ बहानों से बेरोज़गार अख्लेती नौजवानों को परेशान करते रहते हैं । इस परेशानी में कई माह गुज़र जाते हैं और एवार्ड्स हासिल करने वाले नायाब सदर नशीन अख्लेती मालीयाती(अल्पसंख्यक/minority) कौरपोरेशन इल्यास रिज़वी और उन का कौरपोरेशन इन नौजवानों से यही कहता है कि आप बैंक वालों को तय्यार कर लीजिए ।

हम अपनी तरफ‌ से सब्सीडी की रक़म जारी करदेंगे लेकिन अफ़सोस के बैंक ओहदेदार तय्यार ही नहीं होते । मुस्लिम दरख़ास्त गुज़ार का नाम पढ़ कर ही उन्हें साँप सूंघ जाता है औसान ख़ता होजाते हैं । बहरहाल बैंकों की कार्रवाई एक तवील महिकमा जाती जंग साबित होती है और बेचारा बेरोज़गार नौजवान रोज़गार की आस में हर रोज़ बैंक , दफ़्तर अकलेती मालीयाती(अल्पसंख्यक/minority) कौरपोरेशन और मंडल रेवन्यू ऑफ़िस के चक्क्रें काटने और ओहदेदारों की आजिज़ी और मिन्नत-ओ-समाजत करते हुए कई माह गुज़ार देता है तब भी उसे क़र्ज़ हासिल नहीं होता और अख्लेती मालीयाती(अल्पसंख्यक/minority) कौरपोरेशन इस फ़ंड को वापिस भेज देता है । ये होती है अख्लेती(अल्पसंख्यक/minority) बेरोज़गार नौजवानों को रोज़गार फ़राहम करने की कहानी ।

इसे मैं एम डी लेती मालीयाती कारपोरेशन मिस्टर इल्यास रज़वी को चाहीए कि इस स्कीम को आसान बनाने के लिये अपनी तजावीज़ से हुकूमत को वाक़िफ़ करवाए सिर्फ़ हंसते मुस्कुराते हुए एवार्ड्स लेने से अख्लेती नौजवानों का कोई फ़ायदा होने वाला नहीं है । सब से पहले बैंकों के मुआमलात को अख्लेती मालीयाती(अल्पसंख्यक/minority)कौरपोरेशन के ओहदेदारों से जोड़ दिया जाय बैंक्स‌ से बेरोज़गार नौजवानों को मालीयाती कौरपोरेशन के ओहदेदार रुजू करवाएं और आमदनी का सैटिफिक्टस‌ तहसीलदार ऑफ़िस से नहीं बल्कि कौरपोरेशन से ही जारी किया जाय ताकि एक ही छत के नीचे हुसूल क़र्ज़ की कार्रवाई अंजाम दी जा सके ।

जहां तक कारोबार की जुमला लागत का 10 फीसद तय्यार रखने की शर्त है । उसे दरख़ास्त गुज़ार की सवाबदीद पर छोड़ दिया जाय । मिस्टर इल्यास रज़वी को चाहीए कि वो ज़मीनी हक़ायक़ पर ग़ौर करें और देखें के कितने , बेरोज़गार नौजवान कौरपोरेशन से क़र्ज़ हासिल कररहे हैं और उन्हें इस में कितनी मुश्किलात का सामना करना पड़ रहा है । हुसूल क़र्ज़ की शराइत को जितना नरम बनाया जाएगा उतना ही अक़ल्लीयतों(अल्पसंख्यक/minority) बिलख़सूस मुस्लमानों को फ़ायदा होगा वर्ना ये फ़ायदा सिर्फ ओहदेदारों तक महिदूद हो कर रह जाएगा ।

आज ख़राब मआशी हालत के बाइस ही मुस्लिम बेरोज़गार नौजवान सूद ख़ोरों के मज़ालिम(अत्याचारों ) का शिकार होरहे हैं । कल ही राजिंदर नगर में 34 साला गरीब आटो ड्राईवर अनवर अली रिज़वी ने सूदखोर की धमकियों से तंग आकर ख़ुदकुशी करली बताया जाता है कि तीन मासूम लड़कियों के बाप मीर अनवर अली रिज़वी ने कुछ अर्सा पह्ले एक मुक़ामी सूदखोर से 30 हज़ार रुपय क़र्ज़ हासिल किया था । उस की अदाएगी के लिये सूदखोर उसे तंग कररहा था ज़ुल्म‌ से तंग आकर अनवर अली रिज़वी ने फांसी लेकर अपनी ज़िंदगी का ख़ातमा करलिया ।

माहे रमज़ान के दौरान भी दबीर पूरा में फ़ेनानसर की ज़ुल्मो से तंग आकर 30 साला नौजवान मुहम्मद वजीहा अहमद ने नामालूम ज़हरीली शए का इस्तेमाल कर के ख़ुदकुशी करली । वजीहा डेरी का कारोबार करते थे उन्हों ने एक मुक़ामी शख़्स के फ़ेनानसर बेटे से रक़म हासिल की थी जिस की अदाएगी के लिये रोज़ाना वो घर पर आकर धमकियां दे रहा था । वजीहा ने ख़ुदकुशी नोट में यही कहा है कि वो फ़ेनानसर के ज़ुल्म‌ से तंग आकर ख़ुदकुशी कररहे हैं ।

एक और वाक़िये में 28 साला मुहम्मद सादिक़ ने भी अमान नगर के एक फ़ेनानसर के ज़ुल्म‌ से तंग आकर फांसी ले ली । दूसरी तरफ‌ शाहीन नगर में मुहम्मद अबदुर्रहीम फ़ैनान‌स पर लारी खरीदना बहुत महंगा साबित हुआ इन का फ़ैनानस्रों ने अग़वा करलिया है और वो 25 दिनों से लापता बताए जाते हैं । उसे वाक़ियात को देखते हुए रियासती अख्लेती मालीयाती(अल्पसंख्यक/minority) कौरपोरेशन को चाहीए कि क़र्ज़ा जात के हुसूल के तरीखेकार को आसान बनाए ताकि अख्लेती(अल्पसंख्यक/minority) नौजवानों को कुछ रोज़गार हासिल होसके ।।