नई दिल्ली ०४जून ( पी टी आई)अक़ल्लीयतों को दीगर पसमांदा तबक़ात (ओ बी सी ) कोटा के तहत 4.5 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात देने से मुताल्लिक़ अपने फ़ैसला को आंधरा प्रदेश हाईकोर्ट की जानिब से कुलअदम किए जाने के ख़िलाफ़ चैलेंज करने का फ़ैसला करते हुए मर्कज़ी वज़ारत अक़ल्लीयती उमूर ने इस मसला पर वज़ारत क़ानून को इस ज़िमन में एक हवाला रवाना किया है । मर्कज़ी वज़ीर-ए-क़ानून-ओ-अक़ल्लीयती उमूर सलमान ख़ुरशीद ने पी टी आई से कहा कि अटार्नी जनरल जी ई वाहनवती पीर को इस का जायज़ा लेंगे । ज़राए ने कहा कि वज़ारत अक़ल्लीयती उमूर के सैक्रेटरी सूरजीत मित्रा ने वज़ारत क़ानून को एक नोट रवाना करते हुए अक़ल्लीयती ज़ेली कोटा को कुलअदम क़रार देने से मुताल्लिक़ आंधरा प्रदेश हाईकोर्ट के हुक्म पर क़ानूनी राय हासिल की है । मिस्टर ख़ुरशीद ने इस मसला पर सुप्रीम कोर्ट के तातीलाती बंच पर अपील दायर करने की तजवीज़ भी पेश की ।
ज़राए ने कहा कि मिस्टर वाहनवती से इस मसला पर हुकूमत के किसी फ़ैसले केलिए राय देने केलिए कहा जाएगा । हुकूमत का ये इस्तिदलाल है कि ओ बी सी फ़हरिस्त में किसी नई ज़ात को शामिल नहीं किया गया है और ना ही ओ बी सी मुस्लमानों के फ़ीसद में इज़ाफ़ा किया गया है जो पहले ही से मंडल कमीशन की सिफ़ारिशात के मुताबिक़ 27 फ़ीसद ओ बी सी कोटा के तहत इन तहफ़्फुज़ात के मुस्तहिक़ हैं ।
हुकूमत इस नज़रिया की हामिल भी है कि ज़ेली कोटा मज़हब की नहीं बल्कि मुस्लमानों की पसमांदगी की बुनियाद पर फ़राहम किया गया है । मिस्टर ख़ुरशीद ने इस दलील को हक़बजानिब क़रार देते हुए चंद दिन क़बल कहा था कि इन अहकाम को कुलअदम क़रार देने से मुताल्लिक़ आंधरा प्रदेश हाईकोर्ट के फ़ैसला को अदालत अज़मी में चैलेंज किया जाएगा। मिस्टर ख़ुरशीद ने कहा कि हुकूमत इस मसला को फ़ौरी नौईयत का मसला तसव्वुर करते हुए बाजलत मुम्किना कार्रवाई करेगी ।
अदालत की जानिब से ये कहे जाने पर कि किसी भी तबक़ा को महिज़ मज़हब की बुनियाद पर तहफ़्फुज़ात नहीं दिए जा सकते , मिस्टर ख़ुरशीद ने कहा कि हम ने मज़हब की बुनियाद पर नहीं बल्कि पसमांदा तबक़ात के हिस्सा के तौर पर तहफ़्फुज़ात फ़राहम किया था ।