रियास्ती हुकूमत ने तमाम ज़िला कलकटर्स और हैड आफ़ दी डिपार्टमैंट्स को हिदायत दी है कि वो अक़लIयतों को 4 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात पर अमल आवरी के बारे में ग़लत फ़हमी का शिकार ना हूँ। रियास्ती हाईकोर्ट ने हाल ही में तहफ़्फुज़ात के ख़िलाफ़ जो फ़ैसला दिया है वो मर्कज़ी हुकूमत के 4.5 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात के ख़िलाफ़ है जबकि रियास्ती हुकूमत की जानिब से मुस्लिम अक़ल्लीयत को फ़राहम करदा 4 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात बरक़रार हैं।
हाईकोर्ट के फ़ैसले के बाद रियास्ती नज़म-ओ-नसक़ में ये ग़लतफ़हमी पैदा होगई थी कि हाईकोर्ट ने तहफ़्फुज़ात के ख़िलाफ़ फ़ैसला दिया है। लिहाज़ा कलकटर्स और हैड आफ़ दी डिपार्टमैंट्स ने तहफ़्फुज़ात पर अमल आवरी को रोक दिया था। ऐसे वक़्त जबकि मैडीकल और इंजीनीयरिंग कॉलेजस मैं कौंसलिंग का अमल शुरू होने को है, अक़ल्लीयती तलबा में बेचैनी पैदा होगई
क्यों कि तहफ़्फुज़ात के तहत दाख़िलों के लिए उन्हें बी सी ई सर्टीफ़िकेट पेश करना ज़रूरी है। बाअज़ अज़ला से ये शिकायात मिल रही थीं कि तहसीलदार मुस्लिम तलबा को बी सी ई सर्टीफ़िकेट जारी करने से इनकार कर रहे हैं।
रियास्ती वज़ीर बहबूदी पसमांदा तबक़ात बिस्वा राज सारिया ने आज इस मसला पर आला सतही इजलास तलब किया और सूरत-ए-हाल का जायज़ा लिया। साबिक़ रियास्ती वज़ीर-ए-अक़लीयती बहबूद मुहम्मद अली शब्बीर ने उन्हें नज़म-ओ-नसक़ में पैदा सूरत-ए-हाल से वाक़िफ़ कराया और अज़ला से मिलने वाली शिकायात और ख़ुतूत हवाले किए थे।
मुहम्मद अली शब्बीर की मौजूदगी में आला सतही इजलास मुनाक़िद हुआ जिस में प्रिंसिपल सेक्रेटरी बी सी वेलफ़ीयर मिस्टर पुरीदा और कमिशनर बी सी वेलफ़ीयर मिस्टर उमर जलील और दीगरआला ओहदेदार शरीक थे।
इजलास में तै किया गया कि तमाम ज़िला कलकटर्स और हैड आफ़ दी डिपार्टमैंट्स को फ़ौरी तौर पर सरकूलर जारी किया जाय जिस में इस बात की वज़ाहत हो कि रियास्ती हुकूमत के 4 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात पर अमल आवरी बरक़रार है।ज़िला कलकटर्स को हिदायत दी जाएगी कि वो ऐम आर औज़ को बी सी ई सर्टीफ़िकेटस की इजराई के सिलसिला में ज़रूरी हिदायात जारी करें।
इजलास में इस बात की शिकायत की गई कि बाअज़ मह्कमाजात सर्टीफ़िकेट में उम्मीदवार के नाम के साथ मुहम्मद और अब्दुल की शमूलीयत को बी सी ई के तौर पर क़बूल करने से इनकार कर रहे हैं।
इन का मानना है कि ये शेख़ के तहत नहीं आते। सरकूलर में इस बात की भी वज़ाहत की जाएगी कि बी सी ई ज़ुमरे के तहत मुहम्मद और अब्दुल से शुरू होने वाले नाम भी शामिल किए गए हैं। जबकि सय्यद, अरब, ईरानी, शीया, मैमन और पठान को तहफ़्फुज़ात से मसतसनी (अलहदा )क़रार दिया गया है।
। इसी दौरान मिस्टर मुहम्मद अली शब्बीर ने मुस्लिम इदारों और तंज़ीमों से अपील की कि वो सरकारी मह्कमाजात और ओहदेदारों में इस बात की तशहीर करें कि मर्कज़ी हुकूमत के तहफ़्फुज़ात के ख़िलाफ़ हाईकोर्ट के फ़ैसले का असर रियासत के तहफ़्फुज़ात पर नहीं पड़ेगा।
उन्हों ने बी सी ई सर्टीफ़िकेट की इजराई के सिलसिला में ज़िला कलकटर्स से हर ज़िला में नुमाइंदगी करने की भी अपील की। कांग्रेस के हर ज़िला में अक़ल्लीयती क़ाइदीन को भी इस सिलसिला में नुमाइंदगी के लिए पाबंद किया जाएगा।