अक़वाम-ए-मुत्तहिदा में मसला-ए-कश्मीर का तज़किरा

इस्तंबोल 03 नवंबर (पी टी आई) तुर्की ने अफ़्ग़ानिस्तान की असैंबली में अपनी जानिब से मसला-ए-कश्मीर उठाए जाने पर हिंदूस्तान की जानिब से नाख़ुशी के इज़हार के बाद आज इस मसला पर माज़रत ख़्वाही की है।

वज़ीर-ए-ख़ारजा ऐस ऐम कृष्णा ने आज तर्क वज़ीर-ए-ख़ारजा अहमद दावৃ एग्लो से इस्तंबोल में जारी अफ़्ग़ानिस्तान कान्फ़्रैंस के दौरान मुलाक़ात की। इस मौक़ा पर मिस्टर कृष्णा ने अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की जनरल असैंबली के हालिया इजलास के दौरान तुर्की की जानिब से मसला-ए-कश्मीर का तज़किरा किए जाने के ख़िलाफ़ हिंदूस्तान की हैरत और नापसंदीदगी का इज़हार किया था, जिस के बाद तर्क वज़ीर-ए-ख़ारजा ने फ़ौरी माज़रत ख़्वाही करली। सरकारी ज़राए ने पी टी आई से कहा कि जनरल असैंबली के इजलास से ख़िताब के दौरान तर्क वज़ीर-ए-आज़म की जानिब से मसला-ए-कश्मीर का हवाला दिए जाने पर हिंदूस्तान ने अपनी हैरत और नाख़ुशी का इज़हार किया था।

हिंदूस्तान ने कहाकि कश्मीर इस का अटूट हिस्सा ही, जहां जमहूरी तौर पर मुंख़बा रियास्ती हुकूमत मौजूद है। मिस्टर दावৃ एग्लो ने अपने मुल्क् के मौक़िफ़ की वज़ाहत करते हुए कहा कि मसला-ए-कश्मीर का तज़किरा करने का मक़सद इस मसला को बैन-उल-अक़वामी बनाना नहीं था और अगर इस से हिंदूस्तानियों के जज़बात मजरूह हुए हैं तो इस पर तुर्की माज़रत ख़ाह है। मिस्टर दावৃ एग्लो ने कहा कि इन का मुलक, हिंदूस्तान के साथ बेहतर और क़रीबी ताल्लुक़ात का ख़ाहिशमंद है।