अकील अख्तर को काबिना में शामिल करने का मुताल्बा

झारखण्ड में नयी हुकूमत की तशकील के बाद सबसे बड़ी पार्टी जे एम् एम् के दो अकलियत मेंबर असेंबली के मामले पर शिबू सोरेन की रिहायिस गाह पर मुस्तकिल नशासत का सिलसिला जरी है।इस के बाद भी हतमी फैसला नहीं हो प् रहा है। हाजी हुसैन अंसारी और पाकुड़ के एम एल ए अकील अख्तर के हामियों के दरमियान तरह-तरह की ख़बरें गशत कर रही है। पाकुड़ असेंबली हल्का के एम एल ए अकील अख्तर के हामियों ने प्रेस रिलीज़ जारी कर के अपने गुस्से का इजहार किया है।

उन्होंने कहा है की गुजिश्ता मर्तबा मुंडा हुकूमत में हाजी हुसैन अंसारी को 28 माह तक वजीर बनने का मौक़ा मिला, वो अकलियती महकमा के वजीर थे लेकिन 28 अकलियती लोगों को भी फायदा नहीं पहुंचा। उन्होंने इलज़ाम आईद किया है की हाजी हुसैन अंसारी ने अपने एख्तियारात का सही तरीका से इस्तेमाल नहीं किया। उन का कहना है की इस मर्तबा की हुकूमत में अकील अख्तर को भी मौक़ा दिया जाना चाहिए।