अक्लियतों की मसायलों के फौरी अमलदार आमद के लिए रियासत अक्लियती कमीशन ने दफ्तर में अवामी सुनवाई की, जिसमें कमीशन को 42 दरख्वास्त मिले। इसमें यह बात उभर कर आयी कि अक्लियतों के लिए बनी मंसूबों का पूरा फायदा उन्हें नहीं मिल रहा। कई दफ्तर में उनके मसायल के ताईन बेहसी हैं।
अवामी सुनवाई में कमीशन की तरफ से सदर डॉ शाहिद अख्तर, हाजी रफीक अनवर, मौलाना असगर मिसबाही, एकरारुल हसन, सामुएल गुड़िया और कारी बरकत अली और मुखतलिफ़ सरकारी महकमाओं की तरफ से मुंसिपल कॉर्पोरेशन के नायब इंतेजामिया एसके लाल, जिला फराहम ओहदेदार एसएन विद्यार्थी, जिला बोहबुद अफसर नीरज कुमारी, जिला तालीम अफसर महीप कुमार सिंह, जिला तालीम सुप्रीटेंडेंट जयंत कुमार मिश्र और रांची मुंसिपल कॉर्पोरेशन के सेहत ओहदेदार एसके मांझी शामिल थे। बातचीत के बाद कमीशन ने मुतल्लिक़ महकमों को मुखतलिफ़ कामों से मुतल्लिक़ कई जरूरी हिदायत दिये।
तालीम से जुड़ी मसलों का सामना कर रहे अक्लियत
कमीशन को मिली शिकायतों में एसपीक्यूइएम मंसूबा के तहत मदरसों को ग्रांट, उर्दू असातिज़ा की तकररूरी, एमएसडीपी मंसूबा से जुड़ी शिकायतें, आइडीएमआई मंसूबा के तहत अक्लियत स्कूलों को एमदाद, मुंसिपल कॉर्पोरेशन शोबे में सड़क तामीर और पानी की इंतेजाम, बीपीएल कार्ड, अक्लियती स्कूलों में असातिज़ा की तकर्रुरी, हॉस्टल तामीर में गड़बड़ी, अक्लियतों से जुड़ी मंसूबों के बड़े पैमाने पर तबलिग , बैंक लोन, संत बरनाबास अस्पताल की तरफ से चल रहे बीएससी नर्सिग स्कूल को एनओसी न मिलने, कांटाटोली वाक़ेय पब्लिक उर्दू मिडिल स्कूल को मुंसिपल कॉर्पोरेशन की तरफ से एनओसी नहीं देने, टेट इम्तेहान में एससी/एसटी की तरह ओबीसी के लिए कट ऑफ मार्क्सर कम नहीं करने, कब्रिस्तान की घेराबंदी, इलाज के लिए इक़्तेसादी मदद, अक्लियती वजीफा मंसूबा के सही तौर में एहतेताम न होने वगैरह अहम थीं। सदर डॉ अख्तर ने कहा कि जल्द ही ब्लॉक सतह पर भी अवामी सुनवाई की जायेगी।