अखलाक़ की हत्या के आरोपीयों को मिली नौकरी और मुआवजा

नई दिल्ली। इंसानियत का तकाज़ा है कि हमदर्दी पीड़ित के साथ होनी चाहिए लेकिन यहाँ पहले तिरंगे से लिपटे आरोपी के शव को सलामी और अब आरोपियों को ईनाम|

दादरी में गोमांस खाने के संदेह पर मोहम्मद अख़लाक़ की हत्या के दो साल बाद हत्या के आरोपियों में से एक आरोपी जिसकी मृत्यु हो चुकी थी उसकी विधवा को स्थानीय भाजपा नेता ने 8 लाख का मुआवजा एवं बाकी सभी आरोपियों को नौकरी देने का आश्वासन दिया| हत्या के सभी आरोपी ज़मानत पर बाहर हैं|

मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार मोहम्मद अख़लाक़ की हत्या के आरोपी रवीन सिसोदिया जिसकी मृत्यु अंग विफलता के कारण हो गयी थी, की पत्नी को एक प्राथमिक विद्यालय में नौकरी मिल जाएगी|

बिसाड़ा निवासियों द्वारा रवीन सिसोदिया के मृत शरीर को राष्ट्रीय ध्वज में लपेटे जाने के कारण बहुत विवाद हुआ था| रिपोर्ट्स के अनुसार अन्य आरोपी जिनको हत्या में शामिल होने के कारण उनके नियोक्ता द्वारा निलंबित कर दिया गया था उनकी नियुक्ति प्राइवेट सेक्टर में फिर से की जाएगी |

28 सितम्बर 2015 को भीड़ द्वारा अख़लाक़ और उसके बेटे को गोहत्या करने तथा उसका मांस फ्रिज में रखने के संदेह में उनके घर पर हमला किया गया एवं उन्हें घर से बाहर घसीट कर मारा गया, जिसमें अख़लाक़ की मौके पर मौत हो गयी और उनका बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया था|

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 31 जुलाई को अख़लाक़ के मुख्य आरोपी विशाल राना के साथ साथ बाकी सभी 19 आरोपियों को ज़मानत दे दी थी| विशाल राना बीजेपी के नेता संजय राना के पुत्र हैं|
इससे पहले केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस हत्या को ‘सांप्रदायिक’ मानने से इंकार करते हुए कहा की ‘इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए’ |