अख़बार सियासत और मज़हबी एडीशन

मुफ़्ती मुहम्मद महबूब शरीफ निज़ामी सदर रहमत एजूकेशनल एंड वेलफ़ियर सुसाइटी ने कहा कि मुल्क भर में हैदराबाद को कई हैसियतों से फ़ौक़ियत (बडाइ)हासिल है । ये शहर तारीख़ी तालीमी मज़हबी-ओ-सक़ाफ़्ती एतबार से जहां नुमायां है वहीं सहाफ़ती एतबार से भी ख़िदमत उर्दू में अपनी मिसाल आप है ये ख़ुसूसियत दूसरे किसी शहर को हासिल नहीं यहां तक़रीबन निस्फ़ दर्जन मेयारी रोजनामे उर्दू में शाय होते हैं ।

इन में सियासत अपनी ख़ुसूसी नुमायां पहचान रखता है जो दक्कन ही में नहीं बल्कि बैरूनी मुल्कों में भी पढ़ा जाता है । जनाब ज़ाहिद अली ख़ां की इदारत में इस की तरक़्क़ी मिसाली है । मौसूफ़ सहाफ़ी ही नहीं बल्कि मिल्लत के लिए दर्द मंद दिल के साथ मिल्लत की हमा जहती तरक़्क़ी की राह में सरगर्म रहते हैं ।

बरोज़ जुमा मज़हबी एडीशन के लिए मौलाना मुफ़्ती क़ासिम सिद्दीकी तसख़ीर नायब मुफ़्ती जामिआ निज़ामीया की ख़िदमात तरतीब-ओ-तज़ईन की क़दर में ग़ैर मामूली इज़ाफ़ा का बाइस महसूस होती हैं

बिलख़सूस सफ़ाह-ए-अव्वल पर पैग़ाम इस्लाम के तहत मज़ामीन ख़्वाबीदा (सोए हुवे)मिल्लत को बेदार (जगाने)और बेदारों को हरकत-ओ-अमल पर आमादा करते हैं वो इस काबिल हैं कि उसे किताबी शक्ल दी जाय ताकि अफादियत का अरसा-ए-दराज़ और इस्तिफ़ादा आम हो ।

मैं मुदीर मुहतरम के हुस्न इंतिख़ाब पर मुबारकबाद पेश करते हुए दुआ करता हूँ कि अख़बार की तरक़्क़ी रोज़ अफ़्ज़ूँ हो और अल्लाह ताला ज़माने की पर आशूबीयों से हिफ़ाज़त फ़रमाए । आमीन ।