अखिलेश के दावे के बावजूद मुबय्यना (कहे हुए) मुस्लिम दहशतगर्द हनूज़ ( अभी तक) रिहाई से महरूम

लखनऊ, २५ सितंबर(सियासत न्यूज़) उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव हुकूमत की जानिब (तरफ) से साबिक़ा मायावती के दौर में समाजवादी पार्टी के कारकुनों पर जो फ़र्ज़ी बोग्स मुक़द्दमात क़ायम किए गए थे, ऐसे तमाम मुक़द्दमात उठाने के रियास्ती हुकूमत के फ़ैसले पर मुबय्यना मुस्लिम 6 दहशतगर्दों की रिहाई म‍ंच ने अपने शदीद रद्द-ए-अमल का इज़हार किया है और रिहाई मंच के रूह रवां मुहम्मद शुएब एडवोकेट और शाहनवाज़ आलम ने वज़ीर-ए-आला अखिलेश यादव को याद दिलाया है|

कि उन्होंने रियास्ती असेंबली के इलेक्शन में मुसलमानों से ये इंतिख़ाबी वायदा (चुनावी वादे) किया था कि अगर समाजवादी पार्टी रियासत में बरसर-ए-इक़तिदार (शासन में) आई तो पार्टी इन तमाम मुबय्यना मुस्लिम दहशतगर्दों जिन को ए टी एस ने फ़र्ज़ी-ओ-बोग्स मुआमलात में फंसा कर जेलों में ठूंस रखा है को रिहा करेगी, लेकिन रियासत में समाजवादी पार्टी की हुकूमत क़ायम हुए 6 महीने हो चुके हैं। वज़ीर-ए-आला अखिलेश यादव ने मुसलमानों से किए गए इस इंतिख़ाबी वायदे को अभी तक पूरा नहीं किया है|

जबकि वज़ीर-ए-आला अखिलेश यादव ने बगै़र इंतिख़ाबी वायदे के समाजवादी पार्टी के कारकुनों, लीडरों पर से मुक़द्दमात उठाने का ऐलान किया है जो साबिक़ा मायावती के दौर-ए-हकूमत में क़ायम किए गए थे। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव हुकूमत इंतिख़ाबी (चुनावी) मंशूर ( माहौल) में किए गए वादों को किसी ना किसी शक्ल (हाल) में पूरा कर रही है या पूरा करने की अमली कोशिश कर रही है। बगै़र इस वाअदे के कि मुबय्यना (कथित) मुस्लिम दहशतगर्दों को रिहा करने के लिए उन्होंने कहा कि साबिक़ा मायावती के दौर-ए-हकूमत में 23 नवंबर 2008 में लखनऊ , फ़ैज़ाबाद, वाराणसी की ज़िलई अदालतों में जो बम धमाके हुए थे इस में ए टी एस वालों ने आज़मगढ़ के हकीम तारिक़ क़ासिमी और जौनपूर के मौलाना ख़ालिद मुजाहिद को गिरफ़्तार किया था।