लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अखिलेश यादव की सरकार को झटका देते हुए 2011 मे उत्तर प्रदेश में हुई 4,000 दरोगा की भर्ती रद्द कर दी है. दरोगा भर्ती में अयोग्य ठहराए गए कई उम्मीदवारों ने धांधली की शिकायत को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. अदालत ने आदेश दिया है कि दरोगा भर्ती की लिखित परीक्षा और उसके बाद की सारी प्रक्रिया फिर से की जाए, उसके बाद ही रिजल्ट की घोषणा की जाए.
यूपी में साल 2011 में 4010 दरोगा की भर्ती के लिए वैकेंसी निकली थी, लेकिन उनकी भर्ती की प्रक्रिया जून, 2015 में पूरी हुई. इन दरोगाओं की इस वक्त ट्रेनिंग चल रही है, लेकिन इनकी पोस्टिंग नहीं हुई है.
दरोगा भर्ती परीक्षा में असफल रहने वाले उम्मीदवारों का इल्जाम था कि ओबीसी उम्मीदवारों को आरक्षित श्रेणी के साथ-साथ जनरल कैटेगरी में भी रिजर्वेशन दिया गया. प्रारंभिक परीक्षा में कम से कम 100 नंबर पाना जरूरी है, लेकिन 99 नंबर हासिल करने वाले को भी पास कर दिया गया.
लिखित परीक्षा में वैकेंसी के तीन गुणा उम्मीदवार बैठ सकते हैं, लेकिन उससे ज्यादा को शामिल किया गया. ग्रुप डिस्कशन की वीडियोग्राफी जरूरी है, लेकिन यह नहीं कराई गई. अब हाईकोर्ट ने भर्ती को रद्द कर फिर से लिखित परीक्षा कराने को कहा है.