हालाँकि एक हफ़्ता पुरानी अखिलेश यादव हुकूमत की कारकर्दगी के बारे में कोई फ़ैसला करना क़ब्ल अज़ वक़्त है । इस के बावजूद मुस्लमानों को समाजवादी पार्टी हुकूमत से काफ़ी ज़्यादा उम्मीदें और तवक़्क़ुआत वाबस्ता हैं। मुस्लमानों ने फ़राख़दिली से मुलायम सिंह यादव की पार्टी की ताईद करते हुए उसे यू पी के मस्नद इक़्तेदार पर लाकर बैठा दिया है।
ये बात फ़ित्री है कि उन्हें अपनी तक़दीर और अपना वक़्त बदलने की इस हुकूमत से बहुत ज़्यादा उम्मीद है। गहराई से किए हुए एक तजज़िया से ज़ाहिर होता है कि अखिलेश यादव ने काबीना के इजलास में दो फ़ैसले किए हैं जिन्हें अगर खुले दिल से और किसी तंगनज़री के बगै़र नाफ़िज़ किया जाए तो इससे मुस्लिम तबक़ा को फ़ायदा पहूंचेगा।