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अखिलेश फ़सादाद पर क़ाबू पाने मुकम्मल तौर पर नाकाम: जय राम रमेश

कांग्रेस क़ाइद और मर्कज़ी वज़ीर जय राम रमेश ने वज़ीर-ए-आला यू पी अखिलेश यादव को शदीद तन्क़ीद का निशाना बनाते हुए कहा कि वज़ीर मौसूफ़ मुज़फ़्फ़र नगर के फ़िर्कावाराना फ़सादाद पर क़ाबू पाने में मुकम्मल तौर पर नाकाम रहे।

जय राम रमेश ने इल्ज़ाम आइद किया कि अखिलेश यादव ने एक अजीब-ओ-ग़रीब हिक्मत-ए-अमली अपनाई जिस की माज़ी में नज़ीर नहीं मिलती। इन (अखिलेश) का ये यकीन‌ था कि अगर वो कोई मूसिर क़दम उठाते हैं तो उनके वोटस तक़सीम होजाएंगे जिस से ये ज़ाहिर होजाता है कि हुक्मराँ जमात एस पी और फ़िर्कापरस्त जमात बी जे पी के बीच‌ एक नापाक मुआहिदा था जिस के तहत तशद्दुद का सिलसिला कई रोज़ तक जारी रहा और इसे रोकने के मूसिर इक़दामात भी नहीं किए गए।

जय राम रमेश ने अलबत्ता ये वज़ाहत भी की कि वो इस तरह अखिलेश यादव पर ये इल्ज़ाम नहीं लगा रहे हैं कि फ़िर्कावाराना फ़सादाद उन की ईमा पर हुए या उन्हें नरेंद्र मोदी का मुमासिल क़रार नहीं दे रहे हैं। वो सिर्फ़ ये कह रहे हैं कि अखिलेश फ़सादाद पर बरवक़्त क़ाबू पाने में नाकाम होगए जो एक वज़ीर-ए-आला को जे़ब नहीं देता।

मीडिया को दिए गए एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि मुज़फ़्फ़र नगर फ़सादाद पर क़ाबू पाने में नाकामी पर उन्हें अखिलेश यादव हुकूमत से मायूसी हुई। अपनी बात एक बार फिर दुहराते हुए उन्होंने कहा कि वो अखिलेश पर फ़सादाद करवाने का इल्ज़ाम आइद नहीं कररहे हैं बल्कि ये कह रहे हैं कि जिस वक़्त फ़सादाद होरहे थे उस वक़्त अखिलेश सोए हुए थे?!

ये बात उन्होंने उस वक़्त कही जब उनसे ये पूछा गया कि क्या अखिलेश यादव भी नरेंद्र मोदी की तरह गुजरात में 2002-ए-में हुए मुस्लिम कश फ़सादाद में अपना राज धर्म निभाना भूल गए?।

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