अगरचे के खुले आम शराबनोशी मना है…..

हैदराबाद 10 दिसमबर ( सियासत न्यूज़) शहर में ट्रैफ़िक पुलिस की जानिब से ड्रिंक ऐंड ड्राईव (नशा की हालत में गाड़ी चलाने) वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई बेसूद साबित हो रही है। शहर के 18 ट्रैफ़िक सर्कल्स मैं तशकील दी गई ख़ुसूसी टीमें इन कार्यवाईयों में मसरूफ़ हैं जो शहर के दौलतमंद और पाश इलाक़ों पर ख़ुसूसी तवज्जा मर्कूज़ कर रहे हैं। ट्रैफ़िक पुलिस की इन कार्यवाईयों में जहां एक तरफ़ दौलतमंद और बड़े घरानों के अफ़राद बिलख़सूस कमउमर बच्चे पुलिस के हाथ लग रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ़ ट्रैफ़िक पुलिस की ये कार्यवाहीयां सिर्फ़ सड़कों तक ही महिदूद हो कर रह गई हैं जबकि बार्स और रेस्तोराँस इन कार्यवाईयों से अभी तक बचे हुए हैं।

ग़ैर मजाज़ पार्किंग के ख़िलाफ़ कार्रवाई तो की जाती है लेकिन जब ग़ैर मजाज़ पार्किंग का सवाल आता है तो इस से बार और शराब ख़ाने वाइन शॉप्स मुबर्रा हैं? रात के ग्यारह बजे तक दो का नात और बाज़ार बंद करवा दिया जाता है शहर में चंद दिनों से दस बजे के बाद बाज़ार बंद करवा दिया जा रहा है और चंदमुक़ामात को रात 10 बजे ही बंद करवा दिया जा रहा है। लेकिन शराब की दो का नात पर पुलिस की जानिब से कोई इक़दाम ना करना ताज्जुब का बाइस बना हुआ है। आम ख़्याल है कि शराब ही सारे फ़साद की जड़ है। सवाल ये पैदा होता है कि ट्रैफ़िक पुलिस आख़िर इन दो का नात के क़रीब ग़ैर मजाज़ पार्किंग के ख़िलाफ़ कार्रवाई क्यों नहीं करती?

पुलिस अगर तमाम तरह के दबाव को बालाए ताक़ रखते हुए कार्रवाई करती तो पुलिस को रात के औक़ात ड्रिंक ऐंड ड्राईव के ख़िलाफ़ सड़कों पर टहरने से राहत मिलेगी। और इस अमल को ट्रैफ़िक जाम के ख़िलाफ़ इस्तिमाल में लाया जा सकता है और अमला के साथ साथ शहरीयों को भी राहत फ़राहम की जा सकती है। इस के साथ ही पुलिस को इस बात का अंदाज़ा भी हो जाएगा कि कौनसी गाड़ी नशा करने के बाद चलाई जा रही है अगर एक टीम शराबखानों के पास टहर जाय तो इस का बह आसानी से हल तलाश किया जा सकता है। लेकिन ट्रैफ़िक पुलिस में दिलचस्पी का फ़ुक़दान है। बताया जाता है कि ट्रैफ़िक पुलिस ऐसी कार्यवायां नहीं कर सकतीं चूँकि उन्हें इन दूकानों से काफ़ी कुछ वक़्त ज़रूर हासिल हो जाता है।

ट्रैफ़िक पुलिस पर इल्ज़ाम है कि वो मुबय्यना तौर पर भारी मामूल वसूल करते हुए मसला को अन देखा करती है। शहर के चंद इलाक़ों का हम यहां तज़किरा कररहे हैं जहां मेन रोड पर शराब ख़ाने बार के नाम से क़ायम हैं। हालाँकि तक़रीबन शराब ख़ाने मैन रोड्स पर ही क़ायम हैं। जबकि काच्चि गौड़ा, नामपली, गोली गौड़ा, आसिफ़ नगर, हुमायूँनगर, रीति बाउली, टोली चौकी चारमीनार, बोइन पली, अमीर पेट, ख़ैरत आबाद-ओ-दीगर मुक़ामात जिन में काच्चि गौड़ा का इलाक़ा काफ़ी शौहरत रखता है।

जबकि गोली गौड़ा इलाक़ा के बार तो इमली बन बस स्टेशन से क़रीब और मसरूफ़ तरीन सड़क पर वाक़ै हैं जबकि नामपली रेलवे स्टेशन से क़रीब और आसिफ़ नगर आबादी से क़रीब इन शराबखानों का हिसाब तो ये है कि ये इबादतगाहों के क़रीब हैं। ट्रैफ़िक पुलिस को चाहीए कि वो इन शराबखानों की पार्किंग के ताल्लुक़ से सख़्त नोट लें ।