जम्मू-कश्मीर में पीडीपी से बीजेपी के समर्थन वापस लेने के बाद से ही राजनीतिक घमासान जारी है। एक तरफ जहां पीडीपी कांग्रेस से हाथ मिलाने की कोशिशों में जुटी है वहीं दूसरी तरफ पार्टी के ही तीन विधायकों ने मुफ्ती के खिलाफ बगावत कर ली है।
जबकि 15 अन्य विधायक भी महबूबा से दूरी बनाने का मन बना रहे हैं। ये खबर बीजेपी खेमे के लिए बड़ी राहत और उम्मीद लेकर आई है। बीजेपी लगातार इन विधायकों से संपर्क बनाने में जुटी है और चाहती है कि जल्द ही जम्म-कश्मीर में सरकार बनाए।
जम्मू-कश्मीर में पीडीपी-बीजेपी सरकार गिरे महज दो हफ्ते बीते हैं, लेकिन यहां राजनीतिक घमासान जमकर चल रहा है। सूबे के सबसे बड़े दल पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) संभावित टूट की तरफ बढ़ रही है।
पीडीपी के तीन विधायकों के खुलकर महबूबा मुफ्ती के खिलाफ जाने के बाद करीब 15 विधायक, पार्टी के क्रियाकलापों से असंतुष्ट बताए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि ये सभी विधायक भाजपा के संपर्क में हैं और भाजपा से मिलकर सरकार बना सकते हैं।
पीडीपी से बगावत करने वाले विधायकों का मास्टर माइंड पाटन से विधायक इमरान रजा अंसारी को बताया जा रहा है। इसी के नेतृत्व में करीब 18 विधायक महबूबा मुफ्ती के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं।
दरअसल अंसारी ने महबूबा पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाकर इस आग को हवा दी है। इस बगावत में अंसारी को लगातार पीडीपी के विधायकों का समर्थन मिल रहा है।
जम्मू-कश्मीर विधावनसभा में कुल 87 सदस्य हैं। इनमें पीडीपी के 28, भाजपा के 25, कांग्रेस के 12, नेशनल कांफ्रेस के 15, पीपुल्स कांफ्रेस के 2 और बाकी निर्दलीय विधायक हैं।
ऐसे मे यदि पीडीपी के 15 विधायक टूट जाते हैं तो भाजपा, पीपुल्स कांफ्रेस के दो विधायकों और कुछ निर्दलियों के साथ बहुमत के 44 का आंकड़ा आसानी से हासिल कर सकती है।