अगर कांग्रेस चाहेगी तो तीन तलाक़ बिल में बदलाव करवा कर मुसलमानों को दे सकती है राहत!

नई दिल्‍ली। तीन तलाक बिल को लेकर बुधवार का दिन बेहद अहम साबित होने वाला है। लोकसभा में मंजूरी मिलने के बाद अब इसे राज्‍यसभा में पेश किए जाने की तैयारी है। सरकार इसको पास कराने को लेकर पूरी कोशिश में है, मगर मुख्‍य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के रुख पर सभी की नजर है।

लोकसभा में तो यह बिल पास होने दिया था, मगर साथ ही कई खामियां भी गिनाई थीं। इस वजह से पार्टी का रुख बदलने की भी आशंका हैं और ऐसे में यह बिल अटक सकता है, क्‍योंकि उच्‍च सदन में सरकार के पास बहुमत नहीं है। हालांकि इन सबके बीच कई राजनीतिक पार्टियों के बयान सामने आए हैं।

सरकार को पूरी उम्‍मीद है कि यह बिल राज्‍यसभा में भी पास हो जाएगा। केंद्रीय मंत्री मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने कहा कि जिस तरह से यह लोकसभा में पास हुआ, वैसे ही यह निर्णायक बहस और चर्चा के साथ राज्‍यसभा में भी पास हो जाएगा। उम्‍मीद है कि कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष इसका समर्थन करेगा।

संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि हम तीन तलाक बिल के लिए कांग्रेस पार्टी और अन्‍य से बातचीत कर रहे हैं। राज्‍यसभा में आसानी से इसके पास होने की उम्‍मीद है। कल पेश हो सकता है।

तीन तलाक बिल पर डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा कि इसे प्रवर समिति के पास भेज देना चाहिए। आपको बता दें कि राज्य सभा में डीएमके के चार सदस्य हैं, मगर अल्पमत वाली सरकार को इन पार्टियों के सहयोग की जरूरत है।

सीपीआई नेता डी राजा ने भी ट्रिपल तलाक बिल को राज्यसभा की प्रवर समिति में भेजे जाने की मांग की। उधर, एनसीपी नेता मजीद मेमन ने कहा कि पार्टी ने पहले ही स्‍पष्‍ट कर दिया है कि हम पूरी तरह से अपराधीकरण के खिलाफ हैं।

इस्‍लाम में विवाह एक कानूनी अनुबंध है। आप पति द्वारा अनुचित तरीके से दिए गए तलाक के लिए तीन साल की सजा नहीं दे सकते हैं। इसे प्रवर समिति के पास भेज देना चाहिए।