अगर किसी को गायत्री मंत्र और ओम से आपत्ति है तो वो अल्लाह का नाम लेकर लेकर योग कर सकते हैं- रामदेव

योग गुरु स्वामी रामदेव ने मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों द्वारा योग का विरोध किए जाने पर कहा कि योग हमारे पुरखों की पद्धति है. साथ ही उन्होंने कहा कि हिंदू और मुस्लिम दोनों के पूर्वज एक हैं। उन्हें पुरखों के ज्ञान का अनादर नहीं करना चाहिए।

बिहारशरीफ के योग शिविर में भाग लेने पहुंचे योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि योग में कोई तंत्र-मंत्र और षड्यंत्र नहीं है। योग में किसी प्रकार का मजहबी पूजा-पाठ नहीं होता है।

स्वामी रामदेव ने कहा कि अगर किसी को गायत्री मंत्र और ओम से आपत्ति है तो वो अल्लाह का नाम लेकर लेकर योग कर सकते हैं। योग गुरु ने कहा कि योग में सांसें ली और छोड़ी जाती है, इससे मजहब कैसे बदल सकता है।

रामदेव ने कहा कि मैंने योग दिवस के अवसर पर दुबई में कैंप लगाकर तीस हजार मुसलमानों को योग कराया है। दुबई के शाही परिवार के लोगों को योग कराया और दो घंटा योग कराने के बाद मैंने पूछा कि क्या योग करने के बाद तुम मुसलमान से हिंदू तो नहीं बन गए।

इससे पहले अपने बिहार दौरे पर पटना पहुंचने पर उन्होंने मीडिया से बात करते हुए जिन्ना प्रकरण पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि जिन्ना कोई देशभक्त नहीं था उसने देश के टुकड़े किए। भारत के लिए जिन्ना आदर्श नहीं हो सकता। स्वामी रामदेव ने कहा कि जिन्ना के नाम को लेकर लोग ओछी राजनीत कर रहे हैं।

रामदेव ने कहा कि बिहार अध्यात्म और राष्ट्रवाद की भूमि है। नालंदा जो सभ्यता संस्कृति का सबसे बड़ा केंद्र है, वहां पहली बार योग शिविर आयोजित हो रहा है। योग गुरु ने कहा कि नालंदा के बाद गया में भी योग शिविर का आयोजन किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि गया जहां लोग तर्पण करते हैं। साधु सन्यासी तो जीते जी अपना सबकुछ तर्पण कर देते हैं। गया में भी शिविर करेंगे, जिससे लाखों लोगों को आरोग्य लाभ मिलेगा।