अक़वामे मुत्तहिदा का कहना है कि ग़ज़ा में जंग और इसराईल के इक़तिसादी मुहासिरा से हालात बहुत ख़राब हैं और अगर ग़ज़ा की इक़तिसादी सूरते हाल बेहतर ना हुई तो पाँच साल से भी कम अर्से में ग़ज़ा रहने के काबिल ना रहेगा।
अक़वामे मुत्तहिदा के इदारा बराए तरक़्क़ी और तिजारत ने मंगल को होने वाली कान्फ़्रैंस के मौके़ पर ग़ज़ा की मईशियत के बारे में रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि गुज़िश्ता आठ बरसों से ग़ज़ा का इक़तिसादी मुहासिरा और छः बरसों के दौरान इसराईल और फ़लस्तीन के दरमयान तीन जंगों से मईशियत तबाह हो गई है।
गुज़िश्ता बरस इसराईल और फ़लस्तीन के दरमयान होने वाली जंग से पाँच लाख अफ़राद को नक़्ले मकानी करना पड़ी थी और ग़ज़ा के बाअज़ इलाक़े मलबे का ढेर बन गए थे।