अगस्ता सौदा: मीडिया की भूमिका पर सुप्रीम कोर्ट की नज़र

माननीय उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले से सम्बंधित एक जनहित याचिका को मंज़ूर कर लिया है, जिसमें कुछ पत्रकारों पर करीब 50 करोड़ की रिश्वत लिए जाने के आरोपों की जांच के लिए एक विशेष टीम द्वारा जांच की मांग करी गयी है।

न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और अरुण मिश्रा की पीठ ने वरिष्ठ वकील गीता लूथरा से कहा है की वह सुनिश्चित करे की पत्रकार हरी सिंह द्वारा दायर करी गयी याचिका की कापी सीबीआई और एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट(ईडी) को उनकी प्रतिक्रिया जाने के लिये उपलब्ध करवाई जाए|

न्यायालय ने रेखांकित किया की वह इस सम्बन्ध में स्वराज अभियान और टी स सिंहदेव के द्वारा पहले से ही दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई कर रहे है जिसमें राज्य सरकारों द्वारा वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद के समय की गई वित्तीय अनियमिताओं की जाँच की मांग करी गई थी| परंतु किसी भी जाँच एजेंसी को नोटिस जारी नहीं करा गया|

याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता लूथरा ने न्यायालय से मांग करी की मौजूद जांच में पत्रकारों की भूमिका को भी दायरे में लाना जरूरी है क्योकि यह कही बार सामने आया है की प्रेस को सम्भालने के लिए इन लोगो को ५० करोड़ तक की रिश्वत दी गई है|

उन्होंने दलील दी की “हर पत्रकार जिसको इस रकम का हिस्सा मिला है वह काले धन को वैध करने के लिए उत्तर दायीं है|”
न्यायालय ने अभी सीबीआई और ईडी को कोई औपचारिक नोटिस जारी नहीं करा है परंतु इन जाँच एजेंसियो से इस मामले में उनकी प्रतिक्रिया जरूर मांगी है|