हिंदुस्तान ने आज सुबह 8 बजकर 50 मिनट पर ब्लास्टीक मिसाइल अग्नि 5 का दूसरा कामयाब टेस्ट किया। ओडिसा के वीलर आईलैंड से यह टेस्ट किया गया। डेढ़ टन का हथियार ढोने की ताकत रखने वाली इस मिसाइल को डीआरडीओ ने तैयार किया है। इस मिसाइल का पहला कामयाब टेस्ट पिछले साल 19 अप्रैल 2012 को हुआ था।
अग्नि-5 के टेस्ट के बाद हिंदुस्तान दुनिया के चुनिंदा छह मुल्कों में शामिल हो गया है। आईटीआर के लांच कामप्लेक्स -4 से मोबाइल लॉन्चर के जरिए इस मिसाइल को दागा गया। सतह से सतह पर मार करने वाली यह मिसाइल एक टन से ज़्यादा वजन तक परमाणु हथियार ले जाने के काबिल है।
मिसाइल टेस्ट के एक ऐनी शाहिदीन ने बताया, ‘आईलैंड के लॉन्च पैड से दागे जाने के कुछ सेकंड के अंदर ही यह मिसाइल खिली हुई धूप के बीच आसमान में समा गई और अपने पीछे नारंगी और सफेद रंग का धुआं छोड़ती चली गई।’ लंबी दूरी की इस मिसाइल का यह दूसरा तरक्कियाती टेस्ट था।
डीफेंस के ज़राए ने कहा था कि दूसरा टेस्ट अग्नि-5 की तकनीक और ताकत साबित करने के लिए किया गया है। इस मिसाइल को 2015 तक सामरिक बल कमांड (Strategic Force Command) को सौंपने की मुहिम है लेकिन इसके पहले अग्नि-5 के तीन या चार टेस्ट और किए जाएंगे।
मिसाइल की सलाहियत 5 हजार किलोमीटर बताई जा रही है। माइक्रो नेविगेशंस सिस्टम से लैस मिसाइल को चीन से बढ़ते तनाव के हवाले में अहम माना जा रहा है। मिसाइल की जद में पूरे चीन से लेकर यूरोप तक कई मुल्क हैं।
अग्नि-5 असल में तीन मरहले वाली मिसाइल है जिसमें ठोस ईंधन का इस्तेमाल किया जाता है। यहां बता दें कि अग्नि 5 पर काम कर रहे साइंटिस्ट्स ने पहले टेस्ट के बाद करीब 16 महीनों तक टेलिमेट्री और परफॉर्मेंस डाटा की जांच पड़ताल और स्टडी की। साथ ही, उन्होंने नेविगेशन और ऑन बोर्ड सिस्टम की स्टडी की। इसके बाद इसके दूसरे टेस्ट का फैसला लिया गया।
अग्नि-5 के बाद अग्नि-6
अग्नि-5 के बाद हिंदुस्तान अग्नि-6 छोड़ने का मंसूबा है। पिछली मर्तबा अग्नि-5 के कामयाब टेस्ट के बाद डीआरडीओ के सरबराह डॉक्टर वी के सारस्वत ने एनबीटी से कहा था कि अग्नि 5 का कामयाब टेस्ट के बाद हिंदुस्तान ने अपनी लम्बी दूरी की ब्लास्टिक मिसाइल की ताकत को साबित किया है और अब भारत एक नए रोडमैप पर काम करेगा जिसके तहत एक ही मिसाइल-रॉकेट से 3-4 मिसाइलों यानी वॉरहेड को दुश्मन के इलाके में छोड़े जाने की तकनीकी ताकत फौज को सौंपी जाएगी।
इसे एमआईआरवी (मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री एंट्री वीइकल) यानी कई सिम्तो में एक साथ ही निशाना लगा कर छोड़ी जाने वाली मिसाइल कहते हैं। अग्नि-5 का रॉकेट सिर के हिस्से में दो मीटर चौड़ा है जिसमें 3 से 5 मिसाइल वॉरहेड डाले जा सकते हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या अग्नि-5 को आईसीबीएम (इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल) कहना ठीक होगा। डॉक्टर सारस्वत ने कहा कि हम इसे लॉंग रेंज बलिस्टिक मिसाइल कह सकते हैं। वास्तव में सामरिक हलकों में कम से कम साढ़े 5 हजार किमी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल को आईसीबीएम का करार दिया गया है लेकिन अगर अग्नि-5 का पेलोड कम कर दिया जाए तो इसकी मारने की दूरी बढ़ाई जा सकती है। वैसे अग्नि-5 की तकनीक की बुनियद पर ही हिंदुस्तान 8 हजार किमी दूर तक मार करने वाली मिसाइल का फरोग़ कर सकता है लेकिन फिलहाल यह हिंदुस्तान की Strategic जरूरत नहीं है इसलिए अग्नि-5 को पांच हजार किलोमीटर दूर तक ही मार करने के लायक बनाया गया है।