अच्छी फसल और बारिश के लिए आदिवासी की कुर्बानी

झारखंड के गुमला में गुजिशता इतवार की रात एक 55 साल के आदिवासी शख्स का सिर काटकर कुछ लोग अपने साथ ले गए। थेपा खरिया का सिर कटा लाश करवाड़ीह गांव में मौजूद उसके घर से ही बरामद किया गया है।

थेपा खरिया अपने घर में अकेला रहता था। इतवार सुबह जब वह गांव के बाजार में नजर नहीं आया, तो लोग उसके घर पहुंचे जहां खून से लथपथ उसका लाश बरामद किया गया।

गांववालों का कहना है कि यह कत्ल ओरका तबके के लोगों ने की है। माना जाता है कि इस तबके के लोग दूसरों की कुर्बानी देते हैं और उनका सर धान की खेत में गाड़ देते हैं ताकि फसल अच्छी हो सके।

इलाके के लोगों के दरमियान ओरका तबके का खौफ इस कदर है कि कोई भी उनका मुखालिफत नहीं करता है। मामले की जांच कर रहे पुलिस अफसर अजय कुमार ठाकुर ने कहा, ‘इस इलाके में कोई भी ओरकाओं के खिलाफ शिकायत नहीं करता। मॉनसून करीब आते ही गांववालों के बीच इनका खौफ बढ़ जाता है क्योंकि इस तबके के लोग अपना ठिकाना बदलते रहते हैं। ‘ उन्होंने कहा,’खरिया के रिश्तेदारों पर दबाव डाला गया तब जाकर उन्होंने एफआईआर दर्ज कराया। ‘

थेपा खरिया के छोटे भाई जटरू खरिया ने बताया, ‘ओरका किसान से लेकर कोई भी ओझा भी हो सकता है। वो कुर्बानी के बाद खेत में सिर दफना देते हैं जिससे पैदावार अच्छी हो सके।