अच्छे दिन का तोहफा: सरकार ने राजधानी-शताब्दी का 30% बढ़ाया किराया ,सुविधाएं भी हुई कम

नई दिल्ली । रेल मंत्री के बड़े दावों के पलट 30 फीसदी अधिक किराया चुकाने के बाद भी न तो समय पर चल पाती हैं न ही समय पर यात्रियों को पहुंचा पातीं हैं। यह हाल है भारतीय रेल की विशिष्ट ट्रेनों का। राजधानी हो या शताब्दी, दूरंतो हो या सुविधा ट्रेन, रेलवे में 90 फीसदी शिकायतें इन्हीं ट्रेनों की आ रही हैं।

यहाँ तक कि ट्रेनों में साफ-सफाई और खाने-पीने से संबंधित शिकायतों का अंबार लगा हुआ है। विशिष्ट ट्रेनों को दिल्ली से ही 40 मिनट से तीन घंटे की देरी से चलाया जा रहा है। खास बात यह है कि राजधानी जैसी ट्रेन के लिए यात्री जितना किराया चुका रहे हैं, उससे कम पैसे में विमान से भी सफर किया जा सकता है।

केटरिंग ने स्वाद बिगाड़ा
05 हजार शिकायतें खानपान को लेकर राजधानी, दूरंतो वह प्रीमियम ट्रेनों में 2015 में
02 हजार मामलों में जुर्माना लगाया गया। एक केस में लाइसेंस निरस्त किया
(लोकसभा में दी गई जानकारी)

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हांफ रहीं ट्रेनें
50 फीसदी ट्रेनें समयपालन के मापदंडों पर खरी नहीं उतर रहीं
10 घंटे की देरी से चल रहीं मेल-एक्सप्रेस व सुपर फास्ट ट्रेनें

विमान का किराया सस्ता
05 हजार रुपये के करीब है दिल्ली और मुंबई के बीच राजधानी का प्रथम श्रेणी का किराया।
03 हजार रुपये में कई विमान कंपनियां दिल्ली-मुंबई के बीच सफर करा रहीं

गुरुवार का हाल
56 मिनट देरी से चली गुरुवार को लखनऊ शताब्दी
40 मिनट देरी से निकली दिल्ली-काठगोदाम शताब्दी
22 राजधानी चल रही हैं इस वक्त देश में
24 शताब्दी पटरियों पर दौड़ रही हैं

उत्तर रेलवे में पिछले एक वर्ष में खाने-पीने को लेकर लगभग 2550 शिकायतें दर्ज की गईं। इनमें से मात्र 200 ही मेल व एक्सप्रेस गाड़ियों की थीं। बाकी सभी शिकायतें शताब्दी व राजधानी के यात्रियों ने की। इन शिकायतों में ठंडा खाना, पानी न देने व खाने में बाल पड़े होने की शिकायत आदि शामिल हैं ।
साभार: लोक भारत डॉट कॉम