अजमेर ब्लास्ट के मुल्ज़िम का एक और खुलासा

अजमेर बम ब्लास्ट के मुल्ज़िम भावेश पटेल ने जुमेरात को यूपीए हुकूमत के दो वुज़ीर कपिल सिब्बल और राजीव शुक्ला को भी लपेटे में ले लिया। कहा कि इस मामले में मुल्ज़िम बनाए जाने के बाद वह इन दोनों लोगों से मिला था और उसने अपनी जान को खतरा भी बताया।

कौमी जांच एजेंसी की अदालत में पेशी के बाद सहाफियों से बातचीत में पटेल ने दोहराया कि वज़ीर ए दाखिला सुशील कुमार शिंदे, कोल मिनिस्टर ( रियासती) श्रीप्रकाश जायसवाल और कांग्रेस जनरल सेक्रेटरी दिग्विजय सिंह ने उसे मदद का यकीन दिया था, लेकिन उनकी शर्त थी कि वह संघ के सरबराह मोहन भागवत और सिनीयर ओहदेदार इंद्रेश कुमार का इस मामले में नाम ले।

ऐसा नहीं करने पर एनआइए के आफीसर मुझे जान से मार सकते हैं। मरकज़ी वज़ीर और कांग्रेस के लीडर उसे मरने पर मजबूर कर रहे हैं। पटेल ने इल्ज़ाम लगाया कि एनआइए के आफीसर अक्सर उससे मारपीट करते हैं। इस मामले में अदालत ने भावेश को तीन अक्टूबर तक जयपुर जेल में रखने की हिदायत दी । इस बीच मालूम चला है कि भावेश ने अदालत को एक खत लिखा है। इसमें उसने विधानसभा इंतेखाबात को देखते हुए राजस्थान के बीजेपी लीडरो और संघ के ओहदेदारों को मरकज़ और रियासती हुकूमत के निशाने पर बताया है।