अजीत पवार के इस्तीफे का मामला खत्म

अन्य 19 पार्टी मंत्रियों की पेशकश को क़बूल(स्वीकार) नहीं किया गया : शरद पवार

हुकूमत महाराष्ट्रा से अजीत पवार का इख़राज(उत्सर्जन) यक़ीनी दिखाई दे रहा है, क्योंकि एन सी पी सरबराह शरद पवार ने कहा कि डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर के इस्तीफे का मसले पार्टी के लिए अब ख़तम‌ होचुका। इस के साथ साथ उन्हों ने वाज़िह किया कि रियासत में पार्टी के दीगर 19 वुज़रा के इस्तीफ़ा की पेशकश को क़बूल(स्वीकार) नहीं किया जा रहा है।

उन्हों ने महाराष्ट्रा मख़लूत हुकूमत के इस्तिहकाम को ख़तरा की नफ़ी की जबकि एन सी पी पिछ्ले 13 साल से हुक्मराँ इत्तिहाद में एक अहम जमात के तौर पर शामिल है। शरद पवार ने कहा कि अजीत पवार ने बहैसीयत डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर इस्तीफे का फ़ैसला ख़ुद किया है। जब पार्टी क़ियादत ने काफ़ी ग़ौर-ओ-ख़ौज़ के बाद उन्हें मुस्ताफ़ी होने की इजाज़त दे दी तब अजीत पवार ने चीफ़ मिनिस्टर पृथ्वी राज चौहान को मकतूब(खत) इस्तीफे हवाला किया।

इस के बाद एन सी पी के लिए ये मुआमला ख़तम‌ होचुका है। उन्हों ने बताया कि अजीत पवार अपना मकतूब इस्तीफे पेश करने की ख़ाहां थे ताकि आबपाशी प्रोजेकट पर वाईट पेपर के ताल्लुक़ से किसी को भी दबाव‌ का शुबा ना रहे। ये तजवीज़ चीफ़ मिनिस्टर ने पेश की थी। अजीत पवार ने पिछ्ले 10 साल के दौरान यानी 1999-ए-ता 2009-ए-बहैसीयत वज़ीर आबी वसाइल 20 हज़ार करोड़ रुपय मालियती आबपाशी अस्क़ाम में मुबय्यना तौर पर मुलव्वस होने की बिना दो दिन पहले इस्तीफे दे दिया था।

पार्टी के दीगर 19 मंत्री ने भी इन से इज़हार यगानगत करते हुए मुस्ताफ़ी होने की पेशकश की थी। एन सी पी सरबराह ने कहा कि वो कल मुंबई पहुंच रहे हैं और पार्टी अरकान(मेम्बर‌) असैंबली को इस बात पर राज़ी करने की कोशिश करेंगे कि अजीत पवार के मसले पर इस्तीफे की पेशकश वापिस ले लें। जब उन से पूछा गया कि क्या इस मसले पर यू पी ए राबिता कमेटी इजलास(मीटींग‌) में भी ग़ौर-ओ-ख़ौज़ किया गया था तो उन्हों ने हैरत से पूछा कि ये क्योंकर होसकता है जबकि हरी पवार के इस्तीफ़ा का मसले एन सी पी का दाख़िला मुआमला है।