भारतीय जनता पार्टी (बी जे पी) के साबिक़ सेक्रेटरी के एन गोविंदाचार्य की नज़र में बी जे पी अपने वजूद के बोहरान (संकट) से गुज़र रही है और इसके सीनीयर लीडर लाल कृष्ण अडवानी की हालत घर के ऐसे बूढ़े आदमी की सी हो गई है जिस की बात कोई नहीं मानता।
बी जे पी के थिंक टैंक रहने वाले मिस्टर गोविंदाचार्य ने हफ़तरोज़ा मैग्ज़ीन शुक्रवार को दिए गए अपने एक इंटरव्यू में कहा कि बी जे पी लामक़सद,बे सिम्त ,ख़ुदग़र्ज़ और आर्ज़ूमंद अफ़राद का ग्रुप नज़र आता है। उन्होंने कहा कि आज बी जे पी अपने वजूद के बोहरान ( संकटो) से गुज़र रही है इस में पार्टी को अपनी पहचान से ज़्यादा मक़सद के बोहरान ( मुसीबतों) को झेलना पड़ रहा है।
आज मुल्क में जिस ला क़ानूनीयत का दौर है इस में हसब ए इक़तिदार ( शासन के अनुसार) के मुक़ाबले में ताक़तवर अपोज़ीशन की ज़िम्मेदारी ज़्यादा अहम ( जरूरी) है। ऐसे चैलेंजों के वक़्त में बी जे पी ख़ुद ही अपने बोहरानों ( संकटो) में उलझ कर एक लामतनाही ( लंबी) सुरंग में घुस गई है। ये जमहूरीयत ( प्रजातंत्र) के लिए बाइस तशवीश मौज़ू ( चिंता का विषय