अडवानी की रथ यात्रा यू पी में फ्लॉप शो साबित हुई

लखनऊ । 15 । अक्टूबर ( नाफ़े क़दवाई ) भारतीय जनता पार्टी के सीनीयर लीडर लाल कृष्ण अडवानी की पहले मरहले की तीन रोज़ा रथ यात्रा उत्तरप्रदेश की सियासत में बगै़र कोई भूंचाल लाए गुज़र गई हर चंद अडवानी की इंसिदाद बदउनवानी , काले धन की वापसी , अन्ना हज़ारे की टीम और सिंह परिवार की हिमायत पर मबनी इस यात्रा से तवक़्क़ो थी कि वो ज़रूर उत्तरप्रदेश की सियासत में कोई नया गुल खिलाएगी खासतौर पर जब यू पी में असंबली के इलैक्शन होने को हैं लेकिन अडवानी जिन्हों ने अपनी सेयासी ज़िंदगी में ये छुट्टी रथ तातरा शुरू की वो इस लिहाज़ा से बिलकुल फ्लॉप शो साबित हुई क्योंकि इस रिया ली में ना तो आम हिनदुवों का मजमा नज़र आया और ना इश्तिआल अंगेज़ि खासतौर पर मुस्लमानों के ख़िलाफ़ नारे सुनाई दिये । अडवानी ने अपनी रथ यात्रा के ख़िताब में पारलीमानी ज़बान का ज़्यादा इस्तिमाल किया उन्हों ने कहा कि आज़ाद हिंदूस्तान में मनमोहन सिंह जैसा कमज़ोर वज़ीर-ए-आज़म नहीं हुआ और ये एक ऐसे वज़ीर-ए-आज़म साबित हुए जो ख़ुद फ़ैसला करने की सलाहीयत नहीं रखते थे । अडवानी ने कहा कि माज़ी में कमीयूनिसट पार्टीयों में ये नज़रिया था कि पार्टी हुकूमत से बालातर है लेकिन मनमोहन सिंह ने 10 जनपथ को पकड़ कर ये साबित करदिया कि वो भी हुकूमत से ज़्यादा पार्टी को तर्जीह देते हैं । उन्होंने कहा कि जिस तरह से मर्कज़ी वुज़रा यके बाद दीगरे बदउनवानीयों के मुआमलात में फंसते जा रहे हैं इस से साफ़ है कि अब वज़ीर-ए-आज़म को अपनी वज़ारती कौंसल का जलसा तिहाड़ जेल में रखना पड़ेगा । अडवानी ने उत्तरप्रदेश की मायावती हुकूमत पर भी सख़्त नुक्ता चीनी करते हुए कहा कि वो बदउनवानीयों में डूबी हुई है उत्तरप्रदेश में अगर बी जे पी हुकूमत बरसर-ए-इक़तिदार आई तो वो सब से पहले रियासत के अवाम को बेहतरीन नज़म-ओ-नसक़ देगी । हालाँकि बी जे पी हुकूमत को उखाड़ फेंकने केलिए बी जे पी के दर महारती राज नाथ सिंह , कलराज मिश्रा सौ अभीमान रथ यात्रा निकाले हुए हैं लेकिन इन दोनों की रथ यात्राएं और ज़्यादा फीकी और अवाम ऊबा देने वाली साबित हुई हैं ।