अडवानी के वज़ारत-ए-उज़मा अज़ाइम हनूज़ बरक़रार, सेहत पर इन्हिसार

उमरिया (एम पी), 16 अक्टूबर (पी टी आई) (करप्सन के ख़िलाफ़ जारी यात्रा के मक़ासिद में हुकूमत की तबदीली शामिल : बी जे पी लीडर का इंटरव्यू): अपने वज़ारत-ए-उज़मा अज़ाइम के मसले को बरक़रार रखते हुए बी जे पी लीडर एल के अडवानी ने कहा है कि वो इस बारे में फ़ैसला लोक सभा चुनाव के वक़्त अपनी सेहत और अवामी ख़िदमत केलिए सलाहीयत की बुनियाद पर करेंगी।

साबिक़ नायब वज़ीर-ए-आज़म जो करप्सन के ख़िलाफ़ अपनी यात्रा पर हैं, उन्हों ने एतराफ़ किया कि तबदीली हुकूमत उन की इस 38 रोज़ा मुल्क गीर मुहिम के मक़ासिद में से है।

सत्ता प्रैइ रतन इस यात्रा के मक़ासिद में से है और ये एक सयासी मुहिम है, अडवानी ने पी टी आई को इंटरव्यू में ये बात बताई जब पूछा गया कि आया अपनी यात्रा के ज़रीया एक सियास्तदान किसी समाजी मुसल्लेह का रोल अदा करने की कोशिश कर रहा है।

उन्हों ने कहा, ताहम मेरे भरोसा का क्या होगा अगर हुकूमत में तबदीली होती है लेकिन करप्सन बरक़रार रहता है। मेरी पार्टी का एतबार है क्योंकि हमारे पास रियास्तों में यक़ीनन बाअज़ अच्छी हुकूमतें हैं और जब कर्नाटक जैसे मसाइल होते हैं तो हम इक़दामात करते हैं। ये पूछने पर आया उन की यात्रा बदउनवानी के ख़िलाफ़ ब्रहमी को इस्तिमाल करते हुए सयासी फ़वाइद हासिल करने की कोशिश तो नहीं, उन्हों ने कहा कि इन की पार्टी को सयासी फ़ायदे से जोड़ना उन के काज़ से इंसाफ़ नहीं है।

मसला कोई पार्टी या किसी लीडर का नहीं बल्कि आया हम इस हुकूमत को यूंही कुरप्शन में मुलव्वस होने की इजाज़त देंगी, अडवानी ने ये बात कही जबकि वो मध्य प्रदेश में सतना से उमरिया केलिए अपने रथ पर सफ़र कर रहे थे।