अडवानी को मनमोहन पर तरस क्यों आता है?

सव्नीर( महाराष्ट्रा)18 अक्टूबर ( पी टी आई) बी जे पी क़ाइद अडवानी ने वज़ीर-ए-आज़म पर एक बार फिर तन्क़ीद करते हुए कहा कि उन्हें यूपी ए हुकूमत में इन की हालत पर तरस आता है।

सव्नीर में जो नागपुर के क़रीब है एक जलसा से ख़िताब करते हुए उन्हों ने कहा कि हुकूमत की हालत बहुत बुरी ही। बाअज़ औक़ात उन्हें मनमोहन सिंह पर तरस आता है । हालाँकि वो इन का कभी एहतिराम करते थे ।

उन्हों ने कहा कि मनमोहन सिंह अब तक के कमज़ोर तरीन वज़ीर-ए-आज़म हैं । उन्हों ने कभी इस से पहले इतना कमज़ोर वज़ीर-ए-आज़म नहीं देखा यहां तक कि आई के गुजराल चन्द्र शेखर और देवेगौड़ा भी जिन की पार्टी के सिर्फ गिने चुने अरकान-ए-पार्लीमैंट ऐवान में थे। मनमोहन सिंह से बेहतर कारकर्दगी का मुज़ाहरा करते थी। इन तीनों वुज़राए आज़म के सिर्फ 10 ता 15 अरकान-ए-पार्लीमैंट थे लेकिन उन्हें मनमोहन सिंह के मुसावी कमज़ोर वज़ीर-ए-आज़म नहीं किया जा सकता । अगर वज़ीर-ए-आज़म समझते हैं कि वो 10जनपथ की मंज़ूरी के बगै़र कोई कार्रवाई कर सकते हैं तो वो ग़लती पर हैं और ये बात उन्हें जे़ब नहीं देती । अडवानी ने दावा किया कि यू पी ए हुकूमत हक़ मालूमात क़ानून पर नज़रसानी की बातें सिर्फ इस लिए कर रही है क्योंकि इस से परनब मुकर्जी और पी चिदम़्बरम के दरमयान इख़तिलाफ़ात की पर्दापोशी की जा सकती है। हक़ मालूमात क़ानून की वजह से ही दोनों वुज़रा के इख़तिलाफ़ात बरसर-ए-आम ज़ाहिर हो गए थे ।