अदम तरक़्क़ी के ख़िलाफ़ जम्मू-कश्मीर के दो देहात के अवाम का इंतेख़ाबात का बाईकॉट

जम्मू-कश्मीर

कश्मीर के राय दहनदों ने अलाहदगी पसंदों की इंतेख़ाबात का बाईकॉट करने की अपील को मुस्तरद कर दिया था , लेकिन जुनूबी कश्मीर के इंतेख़ाबी हलक़े के दो देहातों में बहैसियत मजमूई फ़ैसला किया कि इस जम्हूरी अमल में शिरकत नहीं की जाएगी। उन्होंने इल्ज़ाम आइद किया कि फ़ौज तरक़्क़ी के सिलसिले में तास्सुब बरत रही और अवाम को हिरासाँ कररही है।

इन दोनों देहातों में 4,530 अहल-ए-राय दहनदे हैं, लेकिन सिर्फ़ एक वोट 6 मराकिज़ राय दही पर जो देहातों बोगाम और पनीवाह में क़ायम किए गए थे, इस्तेमाल किया गया। ये दोनों देहात कुलगाम असेम्बली हलक़े के तहत हैं। राय दही के पहले तीन घंटों में सिर्फ़ एक वोट इस्तेमाल हुआ।

एक उम्र रसीदा शख़्स अली मुहम्मद बोगाम मर्कज़ राय दही के बाहर कहा कि हमें हुर्रियत कान्फ़्रेंस की राय दही के बाईकॉट की अपील से कोई ताल्लुक़ नहीं है। ये हमारे ज़मीर की आवाज़ है कि हम इस इलाक़े में अपने हक़ राय दही से इस्तेफ़ादा ना करें। यहां 15,000 की आबादी है। गुज़िश्ता 18 साल से हर शोबे में हमारे तास्सुब बरता जा रहा है।

क़रीबी देहात बलोसा को नए इंतेज़ामी यूनिट का दर्जा दिया गया है लेकिन बोगाम को नजरअंदाज़ कर दिया गया हालाँकि बलोसा में सिर्फ़ 4 हज़ार की आबादी है।