अदलिया और सहाफ़त पाकिस्तानी हुकूमत की ताक़त

वाशिंगटन 27 जनवरी (ए एफ़ पी) पाकिस्तान में सहाफ़त और अदलिया जैसे ताक़त के नए मराकिज़ ने सदर आसिफ़ अली ज़रदारी और वज़ीर-ए-आज़म यूसुफ़ रज़ा गिलानी को फ़ौज के मुक़ाबिल खड़े होने की ताक़त दी है।ये बात अमरीकी रोज़नामे वाशिंगटन पोस्ट ने अपनी एक रिपोर्ट में कही है।रिपोर्ट में तजज़िया कारों के हवाले से कहा गया है कि पाकिस्तान में जमहूरीयत का वसीअ ख़ला मौजूद है जिस की वजह से सूरत-ए-हाल ज़्यादा कशीदा होगई है।

ताहम ये बात यक़ीनी है कि मौजूदा हुकूमत रहे या ना रहे, फ़ौज इक़तिदार पर क़ाबिज़ नहीं होगी।रिपोर्ट के मुताबिक़ मौजूदा सयासी तनाज़आत जो मुरासला स्कैंडल और कुरप्शन के इल्ज़ामात के बाइस ज़्यादा संगीन हो रहे हैं, माज़ी में कई बार फ़ौजी बग़ावतों का बाइस बन चुके हैं,ताहम आज के पाकिस्तान में ऐसा मुम्किन ही नहीं, जहां सहाफ़त और अदलिया ताक़त के नए मराकज़ बन चुके हैं।

इस चीज़ ने हुकूमत को एक हैरत अंगेज़ एतिमाद फ़राहम किया है और वो खुले आम फ़ौज को चैलेंज कर रही है। पीपल्ज़पार्टी के एक अहम रहनुमा के बाक़ौल उन की जमात को बराह-ए-रास्त फ़ौजी मुदाख़िलत का कोई इमकान नज़र नहीं आता। रिपोर्ट के मुताबिक़ पाकिस्तानी फ़ौज इस वक़्त अपनी फैलाई हुई मुसीबतों के जाल में फंसी हुई है, जिस के बाइस सरबराह फ़ौज जनरल इशफ़ाक़ परवेज़ क्यानी फ़ौज के अवामी चेहरे पर लगे दाग़ साफ़ करने में मसरूफ़ हैं।

फ़ौज उस वक़्त अस्करीयत पसंदों से जंग में उलझी हुई है और ये इस के लिए कुल वक़्ती काम है। रोज़नामा का कहना है कि अगर हुकूमत ख़तम होती है तो इस की वजह फ़ौज नहीं सुप्रीम कोर्ट होगी।