अदलिया को धमकाने के लिए दिल्ली हाइकोर्ट बम धमाका

नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एन आई ए) ने आज अदालत को बताया कि दिल्ली हाइकोर्ट पर हमला की साज़िश इसलिए रची गई थी कि हुक्काम पर दिसम्बर 2001 पार्लीयामेंट ( Parliament) हमला मुक़द्दमा के मुजरिम अफ़ज़ल गुरु को दी गई सज़ाए मौत में रियायत के लिए दबाव डाला जा सके।

एन आई ए ने आज 1062 सफ़हात पर मुश्तमिल चार्ज शीट डिस्ट्रिक्ट जज एच एस शर्मा के रूबरू पेश की जिसकी समाअत बंद कमरा में की गई । एन आई ए ने कहा कि दो पाकिस्तानी शहरियों अबू बिलाल और अबू सैफ उल्लाह ने मुबय्यना तौर पर गुज़श्ता साल हाइकोर्ट की गेट नंबर पाँच के बाब अलद अखिला पर बम नसब किया था जिसके नतीजा में 17 अफ़राद हलाक और 90 से ज़ाइद ज़ख्मी हो गए।

एजेंसी ने 6 अफ़राद के ख़िलाफ़ चार्च शीट पेश की है जिनमें 3 गिरफ़्तार शूदा मुलज़मीन वसीम अकरम , आमिर अब्बास देव और एक कमसिन आमिर अकमल के इलावा जुनैद अकरम मलिक और शाकिर हुसैन शेख उर्फ़ छोटा हाफ़िज़ शामिल हैं। ये तमाम ममनूआ दहश्तगर्द तंज़ीम हिज़्बुल मुजाहिदीन के अरकान है और गिरफ़्तारी से बच रहे थे।

एजेंसी ने बताया कि ये सारी साज़िश गुज़श्ता साल जून और सितंबर के दरमियान जम्मू-ओ-कश्मीर के कशटवार में रची गई। वसीम अकरम मलिक और दीगर मुआविन मुलज़मीन ने अदलिया को धमकाने के लिए ये साज़िश की थी ताकि अफ़ज़ल गुरु को दी गई सज़ाए मौत मंसूख़ की जा सके।

एजेंसी के मुताबिक़ तीन मफ़रूर मुलज़मीन को गिरफ़्तार करने का अमल पहले ही शुरू कर दिया गया है और उनके ठिकाना का पता बताने वालों के लिए दस लाख रुपय नक़द इनाम का ऐलान किया गया है।