अदवियात के बैनुल-अक़वामी रैकेट और रुकमी हेरफेर पर सवालात

जालंधर

पंजाब के वज़ीर माल बिक्रम सिंह मजीठिया से इनफ़ोर्समेंट डायरेक्टरेट ने 6000 करोड़ रुपये पर मुश्तमिल अदवियात के मुबय्यना रैकेट के बारे में पूछगिछ की। सरकारी ज़राए के मुताबिक़ मजीठिया कल‌ मुक़र्ररा वक़्त पर 11 बजे दिन जालंधर में वाक़्य इनफ़ोर्समेंट डायरक्टरेट ( ई डी ) के दफ़्तर पहूंचे जहां उन के ख़िलाफ़ दर्ज रुकमी हेरफेर के मुक़द्दमे की तहकीकात जारी हैं।

ज़राए ने कहा कि इंसिदाद रुकमी हेरफेर क़ानून ( पी एम एल ए ) के तहत मुताल्लिक़ा दफ़आत के तहत इनका बयान दर्ज किया जाएगा। ई डी फ़िलहाल अदवियात के एक बैनुल-अक़वामी रैकेट की तहकीकात कररहा है जो मार्च 2013 के दौरान फ़तह गढ़ साहेब पुलिस की तरफ़ से एक एन आर आई अनूप सिंह की गिरफ़्तारी के बाद मंज़र-ए-आम पर आया था।

इस मुक़द्दमे के दीगर मुल्ज़िमीन के ब्यानात कलमबंद किए जाने के बाद रियासती वज़ीर मजीठिया भी शक के दायरे में आगए थे। समन की इजरा तहक़ीक़ाती इदारा के साथ मुकम्मल तआवुन की पेशकश की थी। दौरान तहकीकात रैकेट के मुबय्यना सरग़ना जगदीश भोला को गर्ई के बाद मजीठिया ने मर्कज़ी फ्तार किया गया था जो पंजाब का बरतरफ़ शूदा डी एस पी है। भोला के इन्किशाफ़ात पर अमृतसर के बिज़नसमैन बिट्टू आकोला और जगजीत सिंह चापल भी गिरफ़्तार किए गए थे। ये दोनों अदवियात बनाने वाली कंपनी के मालिक हैं।