नई दिल्ली, १० नवंबर (पीटीआई) सुप्रीम कोर्ट ने आज 2G स्पेक्ट्रम को मुकम्मल तौर पर हराज (नीलाम) ना करने से मुताल्लिक़ हुकूमत के फ़ैसला पर सख़्त सरज़निश करते हुए कहा कि मर्कज़ी हुकूमत इस के अहकाम के साथ खिलवाड़ कर रही है।
अदालत-ए-उज़्मा ने स्पेकट्रम की महिदूद फ़रोग़ से मुताल्लिक़ मर्कज़ी हुकूमत के फ़ैसले की सख़्त सरज़निश की और तमाम रेडीयो वेव को हराज पर पेश ना किए जाने के बारे में वज़ाहत तलब की है। क़ब्लअज़ीं इन रेडीयो वेव् ( Waves) पर आइद इम्तिना को सुप्रीम कोर्ट ने 12 फ़रवरी को मंसूख़ कर दिया था।
जस्टिस जी एस सिंघवी और जस्टिस के एस राधा कृष्णन पर मुश्तमिल बंच ने कहा कि हम साफ़ तौर पर ये कहते हैं कि आप हमारे हुक्म पर अमल नहीं कर रहे हैं बल्कि बादियुन्नज़र ( पहली दृष्टि) में हमारे हुक्म से खिलवाड़ कर रहे हैं। अदालत ने 19 नवंबर को आइन्दा पेशी के मौक़ा पर इस मसला पर हुकूमत से वज़ाहत पेश करने की ख़ाहिश की है।
बंच ने मज़ीद कहा कि आप को चाहीए कि स्पेक्ट्रम के तमाम 22 ख़िदमात को हराज (नीलाम) के लिए पेश करे, जिन पर आइद पाबंदी को हम ने मंसूख़ कर दिया था। हम अपने तरफ़ से जारी करदा अहकाम के बारे में बिलकुल मुतमईन हैं और आप को इन तमाम 22 सर्कल्स में 2G स्पेक्ट्रम के लिए लाईसेंस जारी करने का काम करना चाहीए।
सुप्रीम कोर्ट बंच ये भी जानना चाहती थी कि आया किस लिए मर्कज़ ने 2 फ़रवरी को जारी करदा अहकाम के 10 महीने गुज़र जाने के बाद भी अपने फ़ैसला से क्यों वाक़िफ़ नहीं करवाया हालाँकि इसके बाद कई पेशीयों में समाअत हो चुकी है। बंच ने कहा कि हम हमेशा यही समझते हैं कि आप हमारे अहकाम पर रूह-ओ-मंशा-ए-के साथ अमल करते हैं।
जजों ने मुस्कुराते हुए ये रिमार्क किया कि हम में बातों को भूल जाने की आदत अभी नहीं पड़ी है। ताहम बंच ने ये वाज़िह किया कि 12 नवंबर को मुनाक़िदा हराज का अमल जारी रहेगा। एडीशनल सॉलीसिटर जनरल ए एस चनडीवक ने हराज के मसला पर हुकूमत के मौक़िफ़ से आगाह करते हुए बंच से कहा कि तमाम 22 ख़िदमात को हराज के लिए पेश किया जा रहा है।
ताहम मर्कज़ी हुकूमत ने ये कहते हुए अपने फ़ैसला को हक़बजानिब क़रार देने की कोशिश की कि टेलीकॉम रेगूलेटरी इदारा (ट्राई) ने इस की सिफ़ारिश की है, लेकिन बंच इस इस्तिदलाल से मुतमईन नहीं हुई और कहा कि ये आप का फ़ैसला है और हमें हैरत है कि सिफ़ारिशात की बात पहले क्यों नहीं की गई।