मुसलमानों को मुल्क का शहरी कहा जा रहा है लेकिन उन के साथ आम शहरियों की तरह सुलूक नहीं किया जाता बल्कि उन्हें रियासत में कई मुक़ामात पर मुश्किलात का सामना करना पड़ता है।
सीनियर ऐडवोकेट मिस्टर बजा तारकम ने 5 मुस्लिम नौजवानों के एनकाउंटर को सफ़ाकाना क़त्ल से ताबीर करते हुए कहा कि जिन नौजवानों को बस की नशिस्तों पर गोलियों से ढेर किया गया उन नौजवानों पर फ़रार होने और पुलिस पर हमला करने का इल्ज़ाम लगाया जा रहा है जो हक़ीक़त से बईद है।
उन्हों ने एनकाउंटर में मुलव्विस पुलिस ओहदेदारों और अमला में शामिल अफ़राद पर क़त्ल का मुक़द्दमा दर्ज करने का मुतालिबा करते हुए कहा कि रियासती हुकूमत से सिविल लिबर्टीज़ मॉनीटरिंग कमेटी मुतालिबा करती है कि चीफ मिनिस्टर गैर जानिबदाराना तहकीकात का ऐलान करें और मुसलमानों को रियासत में जो तय क़नात दीए गए हैं उन्हें पूरा करें या इक़्तेदार छोड़ दें।
मिस्टर बी तारकम ने कहा कि 5 नौजवानों पर जिस तरह से गोलियां दाग़ी गई हैं इस से हर बात वाज़ेह हो चुकी है।