अदालती नज़म-ओ-नसक़ को बेहतर बनाने के लिए बुनियादी सहूलतों की फ़राहमी

हैदराबाद 08 अप्रैल: चीफ़ मिनिस्टर एन किरण कुमार रेड्डी ने कहा कि उन की हुकूमत ने रियासत में 84 नए सब आरडीटनट कोर्टस की मंज़ूरी दी है और मज़ीद 36 फ़ासट ट्रैक कोर्टस को मुस्तक़िल कोर्टस में तबदील किया गया है।

आज दिल्ली में मुख़्तलिफ़ रियास्तों और मर्कज़ के ज़ेर-ए-इंतिज़ाम इलाक़ों के चीफ़ मिनिस्टर्स, मुल्क के तमाम हाई कोर्टस के चीफ़ जस्टिसों और चीफ़ जस्टिस आफ़ इंडिया के साथ मुनाक़िदा मुशतर्का कनवेनशन में शिरकत करते हुए अपने ख़िताब में रियास्ती चीफ़ मिनिस्टर ने कहा कि सी बी आई कोर्टस, एडीशनल डिस्ट्रिक्ट जजस कोर्टस, ख़ुसूसी मोबाइल कोर्टस वग़ैरा जुमला 34 नए कोर्टस का रियासत में क़ियाम अमल में लाया गया है।

उन्हों ने कहा कि इन कोर्टस के क़ियाम की इजाज़त दिए जाने से रियासत में अदलिया के निज़ाम में 18 फ़ीसद इज़ाफ़ा हुआ है। इस के अलावा रियास्ती हाईकोर्ट को मुस्तहकम बनाने के लिए मज़ीद 55 जायदादों को मंज़ूर किया गया।

चीफ़ मिनिस्टर ने मज़ीद कहा कि नए मनज़ोरा तमाम कोर्टस में तमाम तर बुनियादी सहूलतों की फ़राहमी के लिए मर्कज़ी हुकूमत से सद फ़ीसद तआवुन फ़राहम करने, हर साल होने वाले मसारिफ़ के मिनजुमला 50 फ़ीसद मसारिफ़ बर्दाश्त करने की ख़ाहिश की।

किरण कुमार रेड्डी ने रियासत में अदलिया के निज़ाम में बुनियादी सहूलतें फ़राहम करने के लिए रियास्ती हुकूमत मुकम्मल तौर पर तआवुन फ़राहम करेगी। उन्हों ने मज़ीद कहा कि साल 2012-13-ए-में 40 इंफ्रास्ट्रक्चर कामों को मंज़ूर किया गया।

इन में 25 कोर्टस के लिए इमारतों की तामीर, 6 कोर्टस कम रेसिडेंशियल इमारतों की तामीर, 9 जजस के लिए रेसिडेंशियल इमारतों की तामीर शामिल है।

चीफ़ मिनिस्टर ने कहा कि पिछ्ले मालीयाती साल में इस ताल्लुक़ से 184 करोड़ रुपये जारी किए गए, जिन में मर्कज़ी हुकूमत अपने हिस्सा के तौर पर 63 करोड़ रुपये फ़राहम किए। किरण कुमार रेड्डी ने अपने ख़िताब को जारी रखते हुए रियास्ती अदलिया निज़ाम को दरपेश मुख़्तलिफ़ मसाइल और उन की यकसूई के लिए राह हमवार करने चीफ़ मिनिस्टर्स, रियास्तों के चीफ़ जस्टिसों, सुप्रीम कोर्ट के जजस के साथ इस कनवेनशन के इनइक़ाद पर मर्कज़ी वज़ीर-ए-क़ानून-ओ-इंसाफ़ और चीफ़ जस्टिस आफ़ इंडिया वग़ैरा से इज़हार-ए-तशक्कुर किया।

उन्हों ने कोर्टस (अदालतों) में केस की यकसूई में ताख़ीर होने और ज़ेर अलतवा देने, कोर्टस को केस की यकसूई में होने वाली ताख़ीर में कमी करने के ताल्लुक़ से कई तजावीज़ पेश किए जाने का इज़हार किया।

इस में सब से अहम कोर्टस की तादाद में इज़ाफे के साथ साथ कोर्टस की तादाद में इज़ाफ़ा करते हुए स्टाफ़ की कारकर्दगी को बेहतर बनाने पर अदलिया के शोबा को जल्द से जल्द केस की यकसूई करने में मदद हासिल होसकेगी।