नई दिल्ली २९ दिसम्बर: (यू एन आई) लोक सभा में असल अप्पोज़ीशन भारतीय जनता पार्टी ने आज मुतालिबा किया कि हुकूमत अदालती मयार-ओ-जवाबदेही बिल 2010 को वापिस लेकर इस का नया मुसव्वदा बनाए क्यों कि मौजूदा बिल की मुतअद्दिद तोज़ीआत , ख़ासकर क़ौमी अदालती निगरानी कमेटी के तर केबी अजज़ा क़ाबिल एतराज़ हैं।
पार्टी ने ये भी कहा कि इस बल के साथ आईन में तरमीमात के लिए जो क़रारदादें लाई जा रही हैं, वो ज़ेर-ए-ग़ौर तोज़ीआत से मुताबिक़ नहीं रखतीं। बी जे पी ने किसी ताख़ीर के बगै़र क़ौमी अदालती कमीशन की तशकील का मुतालिबा भी किया ।
वज़ीर-ए-क़ानून सलमान ख़ुरशीद ने ऐवान में जोडीशील स्टैंर्डस ऐंड एकाऊंट ए बी लेटी बिल पेश किया जिस पर बेहस के दौरान बी जे पी के सीनीयर मैंबर डी बी चंद्रा गाओड़ा ने निगरानी कमेटी के अज्ज़ा-ए-तर्कीबी में नुक़्स निकालते हुए कहा कि इस में एक भी अदालती मैंबर नहीं है जिस की वजह से जजों की आज़ादी पर क़दग़न लग सकता है।