अदालती फ़ैसले पर आलोचना सकारात्मक होना ज़रूरी

थाने: बॉम्बे हाईकोर्ट के जज अभय‌ ओका ने कहा कि अदालतों के फैसले पर आलोचना करने  का हक़  हर नागरिक को हासिल है लेकिन अदालती फ़ैसलों पर आलोचना सकारात्मक होना ज़रूरी है और उसे सोचा समझा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनमत न्यायिक निर्णयों के फ़ैसलों के बारे में आलोचना होती है लेकिन इस आलोचना का सकारात्मक होना और तर्कों के आधार पर होना ज़रूरी है।

वो एक सिंपोज़ियम में न्याय और सरकारी अधिकारों’ के विषय पर बोल रहे थे ।अपनी भाषण में जस्टिस अविका ने कहा कि आजकल ज्यादातर लोग टेलीफ़ोन पर आलोचना करते हैं और इस में गलतीयां करते हैं। उन्होंने कहा कि अदालतें नागरिकों की शिकायत हल करने के लिए फ़ैसले किया करती हैं ‘उन्हें अदालत की वर्चस्व नहीं समझना चाहीए।